CBSE 10th Paper : सीबीएसई कक्षा 10 के पेपर पर भड़क उठी प्रियंका गांधी, बोली- बच्चों को ऐसी बकवास चीजें क्यों सीखा रहे हैं'
CBSE 10th Paper :कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीबीएसई के पेपर को लेकर ट्वीट के जरिए आपत्ति जाहिर की है।
CBSE 10th Paper : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की परीक्षा को लेकर विवाद एक बार फिर से उठने लगे हैं। इस बार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीबीएसई (CBSE) के 10वीं कक्षा के अंग्रेजी के प्रश्न पत्र (CBSE Class 10 English question paper) पर आपत्ति जाहिर की है। प्रियंका गांधी ने कहा कि ये सवाल 'जेंडर स्टीरियोटाइप' को बढ़ावा देने वाला है। साथ ही सोनिया गांधी ने लोकसभा में सीबीएसई (CBSE) के सिलेबस में आपत्तिजनक कंटेंट पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीबीएसई के पेपर (CBSE Class 10 English question paper) को लेकर ट्वीट के जरिए आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट किया है, 'अविश्वसनीय! क्या हम वाकई बच्चों को यह निरर्थक बात सिखा रहे हैं। स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार महिलाओं पर इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा वे सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगे?'
पेपर में स्टीरियोटाइप और महिला विरोधी प्रश्न
असल में बीते शनिवार को सीबीएसई (CBSE) ने 10वीं की अंग्रेजी विषय की परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन इस परीक्षा में पूछे जाने वाले कुछ सवालों पर लोगों ने आपत्ति जाहिर की है। प्रश्न पत्र के इन सवालों को जेंडर स्टीरियोटाइप और महिला विरोधी बताया जा रहा है। साथ ही सवाल के एक लाइन में महिलाओं के लिए ये तक कहा गया है कि वो अपनी ही दुनिया में रहतीं है।
इस प्रश्न पत्र की दूसरी लाइन जिस पर विवाद उठा है उसमे कहा गया है कि आजकल की मॉडर्न महिलाएं अपने पति की बात नहीं मानती हैं। इस पर लोगों ने काफी आपत्ति जताई है। जिसमें कहा गया है कि बीसवीं सदी में बच्चे कम हो गए हैं जिसका कारण नारीवादी विद्रोह है।
आपको बता दें कि कल ही सीबीएसई द्वारा आयोजित कराए गए 10वीं कक्षा के अंग्रेजी के पेपर को लेकर छात्र-छात्राओं और कई टीचर्स ने सवाल उठाए थे। जिस पर उनका कहना था कि पेपर में कई त्रुटियां (Error) थीं। फिर उसके बाद सीबीएसई ने इसे लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है।
इस स्पष्टीकरण में बोर्ड की तरफ से कहा गया कि इस पेपर में किसी प्रकार की गलती नहीं थी। प्रश्नों के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। साथ ही सीबीएसई ने एक बयान में कहा कि मामले को बोर्ड की पूर्व निर्धारित प्रक्रियाओं के मुताबिक, विचार के लिए विषय विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा। अगर विशेषज्ञ यह पाते हैं कि इस वाक्य के कई अर्थ निकलते हैं तो छात्रों के हित की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।