PMLA cases: बैंक धोखाधड़ी मामलों में चौकसी, माल्या और नीरव मोदी की जब्त हो चुकी है कुल 19000 करोड़ की संपत्ति, केंद्र ने दी जानकारी

केंद्र सरकार द्वारा पीएमएलए मामलों के जांच की जानकारी देते हुए सुप्रीम कोर्ट में यह बताया गया कि केंद्र ने धोखाधड़ी के मामलों में नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चौकसी से अब तक कुल 19111 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं।

Newstrack :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-02-24 15:40 GMT

विजय माल्या - नीरव मोदी - मेहुल चोकसी (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया) 

नई दिल्ली : बैंक मामलों में धोखाधड़ी करने वाले और देश के तीन भगोड़े आरोपियों मेहुल चोकसी (Mehul Choksi), विजय माल्या (Vijay Mallya) और नीरव मोदी (Nirav Modi) से अब तक कुर्क की गई कुल संपत्तियों के बारे में केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में जानकारी दी है। सरकार ने कोर्ट में जानकारी देते हुए बताया कि 22,585.83 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी के मामले में केंद्र सरकार ने अब तक कुल 19 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली है।

एक लाख करोड़ के करीब संपत्तियों की पहचान

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एम. एम. खानविलकर (M. M. Khanwilkar) की अध्यक्षता वाली पीठ को जानकारी देते हुए केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा पिछले 17 सालों में कुल 5000 के करीब मामलों की जांच की गई है। धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के जिन मामलों में जांच की गई है उनमें कानूनी प्रावधान के तहत अब तक कुल 98,368 करोड रुपए की संपत्तियों का पहचान किया गया है।

नक्सल और आतंकवाद से जुड़े 57 मामलों की जांच

इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के मामलों की जांच करते हुए अब तक नक्सल और आतंकवाद के कुल 57 मामलों की जांच हुई है। पीएमएलए की इस जांच में नक्सल और आतंकवाद से जुड़े अपराध की कुल 1249 करोड़ रुपए की राशि के बारे में पता लगाया गया है। जिसमें कुल 982 करोड रुपए के अपराध की राशि को जब्त भी किया गया है।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय कुछ प्रावधानों के तहत वित्तपोषण से संबंधित मामलों में सुनवाई कर रहा है। जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज हुए मामला की जांच तथा उनसे जुड़े आंकड़ों के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी। इसी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में इन आंकड़ों की जानकारी गुरुवार को दी है।

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