Chandra Grahan 2021: चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण क्या है, सरल शब्दों में समझें यह खगोलीय घटना

Chandra Grahan 2021 ग्रहण को लेकर लोगों की अपनी आस्थाएं हैं। धार्मिक और खगोलीय दृष्टि से ग्रहण को महत्वपूर्ण माना जाता है, अब वो चाहे चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण।

Written By :  Shivani
Update:2021-05-26 15:33 IST

चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण (फोटो सोशल मीडिया)

Chandra Grahan 2021: साल 2021 का आज पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। पंचांग के अनुसार आज दोपहर 02 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा और इसकी समाप्ति 07 बजकर 19 मिनट पर होगी। ग्रहण को लेकर लोगों की अपनी आस्थाएं हैं। धार्मिक और खगोलीय दृष्टि से ग्रहण को महत्वपूर्ण माना जाता है, अब वो चाहे चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण।

सवाल ये हैं कि चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण होता क्या है?

चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण में अंतर क्या है?

ग्रहण लगता क्यों है?

ग्रहण को अच्छा माना जाएँ या खराब ?

ऐसे कई सवाल आपके मन में जरूर आते होंगे, क्योंकि आम तौर पर ग्रहण के वक्त कई कामों को करने की मनाही होती है। लोगों में इस बात का भी डर होता है कि कहीं इसका कोई बुरा असर न पड़े। ऐसे डर से बचने के लिए जरुरी है कि ये जान लिया जाएँ कि आखिर ग्रहण क्या होता है। 

ग्रहण क्या है (Grahan Kya Hota Hai)

ग्रहण एक खगोलीय अवस्था है जिसमें कोई खगोलिय पिंड जैसे ग्रह या उपग्रह किसी प्रकाश के स्रोत जैसे सूर्य और दूसरे खगोलिय पिंड जैसे पृथ्वी के बीच आ जाता है जिससे प्रकाश कुछ समय के लिये अवरोध हो जाता है। जैसे सूर्य के प्रकाश का पृथ्वी या च्रंद्रमा तक न पहुंचना ग्रहण की स्थिति बनाता है। आसान शब्दों में कहें तो जब सूर्य पृथ्वी और चन्द्रमा एक सीधी रेखा ने होते हैं तब ग्रहण लगता है। ऐसा या तो अमावस्या के दिन होता है या पूर्णिमा के दिन


सूर्य ग्रहण क्या होता है (Surya Grahan Kya Hai)

जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, तो ऐसे में सूर्य से पृथ्वी पर आने वाला प्रकाश रुक जाता है या प्रतिबंधित हो जाता है। ऐसे समय को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं। यानि सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर न पहुंचने पर माना जाता है कि सूर्य में ग्रहण लग गया है। वहीं चन्द्रमा जब सूर्य को पूर्ण रूप से ढक लेता है तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं। ध्यान दें कि सूर्य की रोशनी रोकने की ऐसी स्थिति या सूर्य ग्रहणहमेशा अमावस्या को ही होता है।

चंद्र ग्रहण क्या है (Chandra Grahan Kya Hai)

इसी का विपरीत होता है चंद्र ग्रहण। यानी जब 
सूर्य और चन्द्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य से चन्द्रमा पर जो प्रकाश पहुंचना होता है, वो पृथ्वी के द्वारा रुक जाता है। इसी स्थिति को  चन्द्र ग्रहण कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें तो जब चंद्रमा पर प्रकाश पड़ना बंद हो जाएं और चांद पर अधेरे के हालात बन जाएं, उसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। नासा के अनुसार- चाँद धरती के चक्कर लगाता है और धरती सूरज के। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को ही होता है, क्योंकि सूरज और चाँद के बीच पृथ्वी इसी दिन आती है।

ग्रहण में क्यों काम नहीं करते हैं 

ग्रहण के दौरान सूतक लगता है। इस वजह से भी कोई काम करना सही नहीं माना जाता है। माना जाता है कि क्योंकि ग्रहण काल के समय नकारात्मक शक्तियां प्रबल होती हैं जिसका असर किसी भी काम पर पड़ जाता है। इसी लिए ग्रहण काल के दौरान खाना भी बनाने को मना किया जाता है। 

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