'अलग-अलग स्कूल में पढ़ें लड़के-लड़कियां', अरशद मदनी के बयान पर मचा बवाल, BJP नेताओं ने सुनाई खरी-खोटी
मौलाना अरशद मदनी के मुताबिक अनैतिक आरचण से दूर रहने के लिए सह-शिक्षा यानी को-एजुकेशन (Co- Education System) को खत्म किया जाना जरूरी है।
लखनऊ: जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने लड़कों और लड़कियों की पढ़ाई अलग-अलग कराये जाने की नसीहत दी है। मदनी के मुताबिक अनैतिक आरचण से दूर रहने के लिए सह-शिक्षा यानी को-एजुकेशन (Co- Education System) को खत्म किया जाना जरूरी है। साथ ही उन्होंने गैर मुस्लिमों से भी अपील की है कि वे सह शिक्षा से परहेज करें। अब उनके इस बयान पर बवाल मच गया है।
अरशद मदनी के बयान पर मचा बवाल
दरअसल, अरशद मदनी ने कहा था कि लड़कियों को लड़कों संग स्कूल-कॉलेज नहीं भेजना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने को-एजुकेशन को अनैतिक आचरण बताते हुए गैर मुस्लिमों से भी इसका विरोध करने को कहा था। जमीयत उलेमा-ए-हिंद (मौलाना अरशद मदनी गुट) की कार्यसमिति की बैठक के बाद मदनी द्वारा दिए गए बयान पर अब बवाल मच गया है। उनके इस बयान पर कुछ नेताओं ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं कुछ धर्मगुरुओं के मिले-जुले बयान सामने आए हैं।
मंत्रियों ने जताया विरोध
अरशद मदनी के बयान को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है, शरियत से नहीं। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जो लोग शरियत के डंडे से संविधान की मूल भावना पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। आगे उन्होंने कहा कि ये लोग लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ हैं, ये लोग तय नहीं कर सकते कि लड़कियां कहां पढ़ेंगीं।
अरशद मदनी के बयान पर यूपी के मंत्री मोहसिन रजा (Mohsin Raza) ने भी निंदा की है। उन्होंने कहा, 'ये वही लोग हैं जो महिलाओं को 3 तलाक की बेड़ी में रखना चाहते हैं। इनके बयान से साफ है कि ऐसी विचारधारा के लोग हैं और इनको पिछली सरकारों में संरक्षण मिला है। हम ऐसे लोगों को समर्थन और संरक्षण नहीं देंगे।
मुस्लिम धर्मगुरु ने किया समर्थन
हालांकि विरोध के बीच अरशद मदनी के बयान का समर्थन करने वाले भी सामने आए हैं। मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती असद कासमी ने उनका समर्थन किया है। कासमी के अलावा मौलाना खालिद राशीद फिरंगी महली ने कहा कि स्कूल तक को-ऐड शिक्षा ठीक है लेकिन कॉलेज लेवल पर इसपर सोचना जरूरी है।