कांग्रेस हाईकमान बागी नेताओं पर सख्त, सुनील जाखड़ और केवी थॉमस को नोटिस भेजकर मांगा जवाब

कांग्रेस की अनुशासन समिति की ओर से पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और केरल के वरिष्ठ नेता के वी थॉमस को नोटिस भेजा गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-04-11 17:05 IST

केवी थॉमस और सुनील जाखड़।

Congress: कांग्रेस हाईकमान ने बागी नेताओं के खिलाफ सख्त तेवर अपनाना शुरू कर दिया है। पार्टी की अनुशासन समिति की ओर से पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Former President Sunil Jakhar) को नोटिस भेजा गया है। इसके साथ ही सीपीएम के सेमिनार में हिस्सा लेने वाले केरल के वरिष्ठ नेता के वी थॉमस को भी अनुशासन समिति ने नोटिस जारी किया है।

पार्टी में बढ़ रही अनुशासनहीनता को काबू में करने के लिए हाईकमान की ओर से यह कदम उठाया गया है। दोनों नेताओं को सात दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया है। हाल के दिनों में कांग्रेस नेतृत्व अनुशासनहीनता पर ढीला रवैया अपनाता रहा है मगर अब पार्टी नेतृत्व ने इस मुद्दे पर अपना तेवर सख्त कर लिया है।

पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं जाखड़

सुनील जाखड़ (Former President Sunil Jakhar) पंजाब में पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। पिछले साल कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सुनील जाखड़ (Former President Sunil Jakhar) का नाम सबसे आगे चल रहा था मगर अंबिका सोनी की वजह से जाखड़ मुख्यमंत्री बनने में कामयाब नहीं हो सके थे। अंबिका सोनी भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल थीं मगर उन्होंने यह जिम्मेदारी संभालने से इनकार करते हुए किसी सिख को ही मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी। अंबिका सोनी की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने के बाद जाखड़ रेस में पिछड़ गए थे। इसके बाद वे समय-समय पर मुख्यमंत्री न बन पाने के संबंध में अपना दर्द उजागर करते रहे हैं।

चन्नी को लेकर उठाए थे सवाल

बाद में कांग्रेस हाईकमान की ओर से दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया था। चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद जाखड़ समय-समय पर उन्हें घेरते रहे। कांग्रेस के सीएम चेहरे पर उनकी ओर से लगातार हमलों को लेकर सवाल उठाया गया था। हाल में भी एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाए थे और कहा था कि कांग्रेस हाईकमान को यह पता होना चाहिए कि किस नेता को कहां रखा जाना है। जाखड़ के इन बयानों को पार्टी विरोधी बताया जाता रहा है।

थॉमस ने नहीं माना निर्देश

दूसरी ओर केरल कांग्रेस (Kerala Congress) के वरिष्ठ नेता के वी थॉमस (Leader KV Thomas) ने भी हाल में हाईकमान की ओर से जारी किए गए निर्देश को मानने से इनकार कर दिया था। सीपीएम (CPM) की ओर से राज्य में आयोजित एक सेमिनार में थॉमस और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Senior Congress leader Shashi Tharoor) को बुलाया गया था। हाईकमान ने दोनों नेताओं के सेमिनार में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी थी। शशि थरूर ने तो हाईकमान के निर्देश का पालन किया मगर थॉमस रोक के बावजूद सेमिनार में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उनकी दलील थी कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है और इसलिए इसमें हिस्सा लेने में कोई बुराई नहीं है।

केरल कांग्रेस के अध्यक्ष के सुधाकरण और अन्य नेताओं का कहना था कि पार्टी के निर्देशों की अनदेखी करने पर थॉमस के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बाबत कांग्रेस हाईकमान से शिकायत भी की गई थी जिस पर संज्ञान लेते हुए अनुशासन समिति की ओर से अब थॉमस को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

अब कांग्रेस नेतृत्व के सख्त तेवर

पांच राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। जल्द ही पार्टी को कोई अन्य राज्यों में चुनाव लड़ना है और ऐसे में पार्टी ने बागी और अनुशासनहीन नेताओं की नकेल कसने का फैसला किया है। दोनों नेताओं के खिलाफ जारी नोटिस को कांग्रेस हाईकमान की सख्ती के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यदि हाईकमान इन दोनों नेताओं के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई संभावित है। अब सबकी निगाहें दोनों नेताओं के जवाब और फिर कांग्रेस हाईकमान की ओर से की जाने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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