जी-23 की घेरेबंदी का दिखने लगा असर, बढ़ते दबाव के कारण कार्यसमिति की बैठक की घोषणा
कांग्रेस नेता और गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले रणदीप सुरजेवाला ने घोषणा की है कि जी-23 से जुड़े नेता पार्टी में संगठनात्मक चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस में जी-23 से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के दबाव का असर दिखने लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की ओर से बुधवार को पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव करने और कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग के बाद पार्टी हाईकमान भी दबाव में आता दिख रहा है। इसी का नतीजा है कि पार्टी की ओर से कांग्रेस कार्यसमिति की जल्द बैठक बुलाने का एलान किया गया है। सिब्बल के बाद पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी जल्द ही कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी। बाद में कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से सिब्बल के आवास पर प्रदर्शन, नारेबाजी और टमाटर फेंकने की घटना पर भी वरिष्ठ नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है । ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। पार्टी के पुराने वरिष्ठ नेताओं के बढ़ते दबाव के बाद ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की घोषणा की गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान वरिष्ठ नेताओं की ओर से कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जा सकते हैं।
जल्द होगी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक
कांग्रेस नेता और गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले रणदीप सुरजेवाला ने घोषणा की है कि जी-23 से जुड़े नेता पार्टी में संगठनात्मक चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति की जल्द ही बैठक होगी। इसे जी-23 से जुड़े नेताओं की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। बैठक में पंजाब और अन्य राज्यों में चल रहे पार्टी के झगड़ों पर भी चर्चा की जा सकती है। सिब्बल ने पंजाब संकट की ओर इशारा करते हुए बैठक जल्द बुलाने की मांग की थी।जी-23 से जुड़े नेताओं ने पिछले साल अगस्त में पार्टी की कार्यशैली और हाईकमान के रवैये पर सवाल उठाते हुए एक कड़ी चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में पार्टी में संगठनात्मक चुनाव कराने की भी मांग की गई थी। वरिष्ठ नेताओं का कहना था कि भाजपा और पीएम मोदी का मुकाबला करने के लिए पार्टी को अपने तौर-तरीके बदलने होंगे। इन नेताओं ने भाजपा के लगातार मजबूत होने और कांग्रेस के लगातार कमजोर होने की और भी नेतृत्व का ध्यान खींचा था। पत्र लिखने वाले नेताओं में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, पृथ्वीराज चव्हाण, संदीप दीक्षित और राजबब्बर जैसे नेता शामिल थे। बुधवार को कपिल सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पार्टी में एक बार फिर यह मुद्दा गरमा गया है।
जी-23 के दबाव में आया हाईकमान
दरअसल, कांग्रेस हाईकमान की ओर से वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने का फैसला यूं ही नहीं किया गया है। जी-23 के तीखे तेवर के कारण पार्टी हाईकमान दबाव में आता दिख रहा है। बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल आलाकमान को आड़े हाथों लेते हुए वर्किंग कमेटी की बैठक न बुलाए जाने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने पंजाब संकट का जिक्र करते हुए कहा था कि जब पार्टी में इलेक्टेड अध्यक्ष ही नहीं है तो पता नहीं सारे फैसले कौन ले रहा है। उनका यह भी कहना था कि यह बात मैं निजी तौर पर नहीं कह रहा हूं बल्कि उन सभी नेताओं की ओर से कह रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। सिब्बल का कहना था कि पिछले साल अगस्त में चिट्ठी लिखे जाने के बावजूद आज तक हम इंतजार ही कर रहे हैं। आखिर इंतजार की भी एक हद होती है।
सिब्बल के इस बयान के बाद गांधी परिवार के करीबी नेताओं ने उन पर तंज कसा था। यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी और पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने याद दिलाया था कि सोनिया गांधी ने उन्हें सांसद और मंत्री बनाने में कितनी बड़ी भूमिका निभाई। बाद में उनके आवास पर कांग्रेसियों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की थी।
सिब्बल के घर प्रदर्शन पर तीखी प्रतिक्रिया
गुरुवार को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सिब्बल के समर्थन में उतर आए। उन्होंने सिब्बल के आवास पर प्रदर्शन, नारेबाजी और टमाटर फेंके जाने की घटना की तीखी निंदा की। सिब्बल के समर्थन में बयान जारी करने वाले नेताओं में आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और शशि थरूर भी शामिल हैं। आनंद शर्मा ने तो इस घटना में शामिल पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग तक कर डाली। सियासी जानकारों का मानना है कि जी-23 के तीखे तेवर के कारण ही पार्टी हाईकमान दबाव में आ गया है। जी-23 से जुड़े नेताओं के खुलेआम बयान जारी करने से साफ है कि पार्टी दो धड़ों में बंटी दिख रही है। गांधी परिवार के करीबी नेता जी-23 के नेताओं को गांधी परिवार की ओर से किए गए एहसानों की याद दिला रहे हैं। हालांकि सिब्बल ने अभी इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। विभिन्न राज्यों में कांग्रेसी नेताओं के बीच चल रहे झगड़े के बीच जी-23 का तीखा तेवर भी पार्टी हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है।