कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े और अनुमान पर उलझा स्वास्थ्य मंत्रालय, पत्रिका के लेख को बताया आधारहीन

आंकड़ों और अनुमान में अंतर कोई नई बात नहीं है। आंकड़े कभी अनुमान के सटीक नहीं बैठते।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-06-12 18:47 IST

कोरोना से हुई मौत की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: आंकड़ों और अनुमान में अंतर कोई नई बात नहीं है। आंकड़े कभी अनुमान के सटीक नहीं बैठते। कोरोना वायरस से हुई मोतों के जो आंकड़े हैं वह हकीकत से परे हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के उस लेख का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत में कोरोनावायरस के चलते आधिकारिक आंकड़ों से पांच से सात गुना अधिक मौतें हो सकती हैं। वहीं पत्रिका ने यह अनुमान लगाने के लिए जिन अध्ययनों को आधार बनाया है वह किसी देश या क्षेत्र हुई मौतों के आंकड़े देने का वैध टूल नहीं हैं। मंत्रालय ने साफ किया है कि यह पूरा लेख कल्पनाओं पर आधारित है, इसका कोई प्रमाणित आधार नहीं है।

मंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड से होने वाली मौतें आईसीएमआर की ओर से जारी 'भारत में कोविड-19 से मौतों की उचित रिकॉर्डिंग के लिए मार्गदर्शन' के तहत रजिस्टर करें। मंत्रालय ने कहा है कि लगातार इस पर जोर दिया जा रहा है कि दैनिक आधार पर जिलेवार मामलों और मौतों की निगरानी के लिए एक मजबूत रिपोर्टिंग तंत्र की जरूरत है। बता दें मंत्रालय की तरफ से यह बात बिहार द्वारा कोविड से हुई मौतों के मामलों में संशोधन किए जाने के दो दिन बाद कही गई है। गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 3951 लोगों की मौत को आंकड़ों में शामिल किया है, जिनकी कोई जानकारी नहीं मिली थी। जबकि बिहार में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों में अचानक वृद्धि देखी गई थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोविड से जान गंवाने वालों की संख्या गत दिनों 9429 बताई थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को तय दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही कोविड से हुई मौतों की जानकारी देने की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने बताया है कि बिहार में मृतकों की संख्या में 3971 की वृद्धि राज्य सरकार की तरफ से आंकड़ों के मिलान के बाद हुई थी। 

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