कोरोना का बढ़ा खतरा : भयानक होते जा रहे इन राज्यों में हालात, त्योहार और चुनावी तैयारियों ने बढ़ाई चिंता

इन दिनों कोरोना के मामलों के तेजी से उछाल आया है। बीते एक हफ्ते से पड़ने वाले त्योहारों और चुनावी माहौल में जहां भी भीड़ इकट्ठा हुई है, वहां-वहां कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है।

Written By :  Vidushi Mishra
Newstrack :  Network
Update:2021-10-25 16:47 IST

कोरोना टेस्टिंग करते डॉक्टर (फोटो : सोशल मीडिया )

Coronavirus Ke Badte Mamle : कोरोना संक्रमण के मामलों में कई महीनों की राहत के बाद अब माहौल फिर से भयानक रूप लेता जा रहा है। तेजी से चल रही चुनावी तैयारियों और त्योहारों की भीड़ की वजह से नौ महीने बाद स्थितियां पहले जैसी होने लगी है। लोग बिना मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन किए बिना, आराम से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर घूम-घाम रहे हैं। कोरोना का खौफ मामलों के कम होने और वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को न के बराबर रह गया है। जोकि सबसे ज्यादा घातक साबित हो सकता है।

ऐसे में इन दिनों कोरोना के मामलों के तेजी से उछाल आया है। बीते एक हफ्ते से पड़ने वाले त्योहारों और चुनावी माहौल में जहां भी भीड़ इकट्ठा हुई है, वहां-वहां कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। नवरात्री में दुर्गा पूजा पंडालों, चुनावी रैलियों में, दशहरा में, तीर्थ स्थलों में हजारों की तादात में लोगों की भीड़ थी। 

महामारी का खतरा बढ़ा 

जिसके चलते पश्चिम बंगाल, केरल, असम, हिमाचल प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से कोरोना संक्रमण के मरीजों की भीड़ अस्पतालों में दिखाई देने लगी है। पहाड़ी इलाकों में पर्यटकों की भीड़ की वजह से महामारी का खतरा बढ़ा है।  

लेकिन चुनावों का संक्रमण पर ज्यादा असर यूपी में देखने को नहीं मिल रहा है।  उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचलें बीते एक महीने से रफ्तार में हैं, लेकिन यहां हालात अभी काबू में हैं।


पर अन्य राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय वैज्ञानिकों की टीम इन्साकॉग ने चेतावनी दी है कि वायरस में नया म्यूटेशन नहीं हुआ है। हालांकि जिस डेल्टा वैरिएंट की वजह से दूसरी लहर का सामना किया था वह कहीं गायब भी नहीं हुआ है।

देश में डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित लोगों का आकड़ा बढ़ा

आगे वैज्ञानिकों की टीम  ने कहा, हर कोई पहले की तरह भीड़ का हिस्सा बन रहा है लेकिन बीते 55 दिन में ही डेल्टा वैरिएंट दोगुना हो चुका है और 11 गुना डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले बढ़े हैं। इनकी पुष्टि जीनोम सीक्वेसिंग के जरिये हुई है।

इस बारे में भारतीय वैज्ञानिकों की टीम इन्साकॉग की ताजा रिपोर्ट सामने आई है। जिसके अनुसार, 30 अगस्त तक देश में 15 हजार सैंपल ही डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मिले थे, लेकिन बीते 11 अक्तूबर तक इनकी संख्या बढ़कर 26043 हो चुकी है। जबकि डेल्टा वन और कप्पा वैरिएंट की संख्या बढ़कर 5449 तक जा पहुंची है। वहीं डेल्टा वैरिएंट से ही निकले एवाई सीरीज के वायरस 393 से बढ़कर 4737 सैंपल में मिल चुके हैं। 

इन आकड़ों के सामने आने बाद अब सख्ती बरतना बेहद जरूरी हो गया है। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जिस तरह त्राही-त्राही मची हुई थी, ऐसे में तीसरी लहर के आने के पहले ही देश की जनता को सावधानी बरतते हुए, हालातों को बेकाबू नहीं हो देना चाहिए। इसके लिए सरकार को अभी से सख्त कदम उठाने चाहिए।

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