Corona Vaccine : भारत में कोरोना की तीसरी डोज कितनी जरूरी ? जानें विशेषज्ञों की राय
Corona Vaccine : कोरोना महामारी से बचाव के लिए देशभर में कोरोना की तीसरी डोज को लेकर बहस छिड़ी हुई है।
Corona Vaccine : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से बचाव के लिए देशभर में कोरोना की तीसरी डोज (Third Dose) को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ देशों में कोरोना की तीसरी खुराक की शुरुआत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि भारत में भी कोरोना की तीसरी डोज (Third Dose) यानि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज (Booster Dose) को लेकर अध्यन चल रहे हैं। इस स्टडी में करीब 10 महीने का समय लग सकता है।
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी डोज को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। देश में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन की तीसरी डोज यानि बूस्टर डोज देने की जरुरत पड़ेगी वहीं कुछ लोग इसे खारिज कर रहे हैं। इसकी मतभेद को देखते हुए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों में एंटीबॉडी का अध्ययन करा रहा है। आइए जानते हैं लखनऊ के विशेषज्ञों का मत।
लोहिया संस्थान
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी डोज को लेकर लखनऊ के लोहिया संस्थान में कोविड प्रभारी डॉ. पीके दास कहते हैं कि भविष्य में बूस्टर की जरुरत से इंकार नहीं किया जा सकता है। किसी भी वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी हमेशा के लिए नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह अध्ययन किया जाना जरुरी है कि कोरोना की तीसरी डोज की जरुरत पड़ेगी या नहीं। इसके साथ उन्होंने बताया कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों में हर हफ्ते एंटीबॉडी का टेस्ट कराया जाता है इससे यह पता चल जाता है कि एंटीबॉडी का स्तर किस समयावधि पर स्थिर है या नहीं। इसके बाद ही तय हो सकता है कि बूस्टर डोज लगनी चाहिए या नहीं।
किंग जॉर्ज चिकित्सालय
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी डोज को लेकर लखनऊ की किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. अमिता जैन का कहना है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों में एंटीबॉडी बनने को लेकर डेटा कलेक्शन तो सभी जगह हो रहा है मगर जब तक कोई स्टडी का प्रमाण नहीं आता तब तक यह कहना मुश्किल होगा कि तीसरी डोज की जरुरत पड़ेगी या नहीं।
एसजीपीजीआई
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी डोज को लेकर लखनऊ की एसजीपीजीआई में माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. उज्जवला घोषाल का कहना है कि कोरोना वैक्सीन का असर कितने समय तक शरीर में रह रहा है इसका अध्ययन अभी तक नहीं हुआ है। कोरोना महामारी की चेन लम्बे समय तक के लिए ब्रेक नहीं हुई तो बूस्टर डोज की जरुरत बाद में पड़ सकती है।