Corona Vaccine: एक और देशी वैक्सीन मिलेगी भारत को, सरकार ने किया फैसला
Corona Vaccine: भारत सरकार ने हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई (Biological E) की कोविड वैक्सीन के 30 करोड़ डोज बुक किए हैं।
Corona Vaccine: कोरोना वायरस की दूसरी लहर हर व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया। दूसरी तरफ भारत में वैक्सीनेसन (Vaccination) की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस दिशा में कोरोना टीकाकरण को सुचारू रूप से से चलाने के लिए केंद्र सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। भारत सरकार ने हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई (Biological E) की कोविड वैक्सीन के 30 करोड़ डोज बुक किए हैं।
मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार वैक्सीन का निर्माण और भंडारण बॉयोलॉजिकल-ई के ज़रिये अगस्त से दिसंबर 2021 तक कर दिया जाएगा। बता दें कि ये वैक्सीन अभी क्लीनिकिल ट्रायल पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए कंपनी को 1500 करोड़ रुपये बतौर अग्रिम भुगतान देगी। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद ये भारत में बनने वाली दूसरी वैक्सीन होगी।
गौरतलब है कि मार्च-अप्रैल के महीने में जब भारत कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप से जूझ रहा था उस दौरान टीकाकरण की नीति को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसे देखते हुए सरकार ने ये कदम उठाने का फैसला लिया है। इससे पहले सरकार को इसी वजह से अपने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत बाहर भेजी जा रही वैक्सीन को रोकना पड़ा था ताकि भारत में वैक्सीन की किल्लत को दूर किया जा सके।
वैक्सीन फिलहाल फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल में
बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने बयान में कहा है कि बायोलॉजिकल-ई की वैक्सीन फिलहाल फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल से गुज़र रही है, इससे पहले फेज़ 1 और 2 में वैक्सीन के अच्छे परिणाम देखने को मिले है। वैक्सीन अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो जाएगी।
जल्दी उपलब्ध होंगी ये वैक्सीन
कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, रूस की स्पूतनिक-V भी लोगों के लिए जल्दी उपलब्ध होगी, सरकार का उद्देश्य है कि अगस्त से रोज़ाना एक करोड़ वैक्सीन लगाई जा सके। यही नहीं कुछ विदेशी वैक्सीन निर्माता जैसे फाइज़र और मॉडर्ना के साथ भी बात चल रही है जिन्होंने मुआवजे से जुड़ी उप धारा को जोड़ने की बात रखी है।बायोलॉजिकल-ई को कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन के राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने जांच के बाद मंजूरी दी है।
घरेलू वैक्सीन निर्माताओं को बढ़ावा देना
केंद्र सरकार का कहना है कि वैक्सीन की ये नई व्यवस्था दरअसल घरेलू वैक्सीन निर्माताओं को बढ़ावा देने और उन्हें शोध एवं लागत में मदद देने के उद्देश्य से की गई है। सरकार का कहना है कि बायोलॉजिकल-ई के टीके के लिए बायोटेक्नोलॉजी विभाग को 100 करोड़ की आर्थिक मदद दी गई है। ये विभाग कंपनी के साथ मिलकर अलग अलग शोध में शामिल है। भारत सरकार का कहना है कि सरकार का उद्देश्य कोविड-19 वैक्सीन के 5-6 निर्माताओं को मदद करना है।