Corona Virus in India: खतरा अभी टला नहीं, ज्यादा दी गई ढिलाई तो बिगड़ सकते हैं हालात-स्वास्थ्य मंत्रालय
Corona Virus in India: देश में कोरोना वायरस को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी जाहिर की है।
Corona Virus in India: भारत में कोरोना वायरस(Corona Virus in India) के मामलों इस बीच कमी आई हैं। ऐसे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी जाहिर की है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते 50 दिनों में कोरोना के सक्रिय मामलों में कमी आई है। जबकि 10 मई को सक्रिय मामलों की संख्या 37 लाख थी, जोकि अब घटकर 16.35 लाख रह गई है। मतलब कि 5.73 प्रतिशत मामले सक्रिय हैं। तो अब आंकड़ों के अनुसार, अभी तक मामलों में 68 प्रतिशत की कमी आई है।
ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि मौजूदा समय में 257 जिले हैं जहां पर 100 से अधिक कोरोना के मामले दर्ज किए जा रहे है। आगे उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे में जहां देश में 1.3 लाख मामले सामने आए।
वहीं स्वस्थ्य होने वाले लोगों की संख्या 74000 अधिक है। इस पर उन्होंने कहा कि देश में 32 राज्यों में रिकवरी अधिक है और नए मामले आने की संख्या कम है। वहीं 7 राज्यों में 10 हजार से अधिक रिकवरी है।
इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगाह किया है कि कोरोना को लेकर अगर ढिलाई बरती गई तो हालात बिगड़ सकते हैं। साथ ही मंत्रालय ने ये भी कहा कि अगर कोरोना के अनुरूप व्यवहार, कंटेन्मेंट मानकों या फिर टीका देने की गति में अगर कमी आई या फिर किसी तरह की ढिलाई बरती गई तो हालात फिर बिगड़ सकते हैं।
राजस्थान की बात करें तो नए मामले आने के मुकाबले यहां रिकवरी पांच गुना अधिक है। जबकि उत्तराखंड में ये अनुपात 5.6 गुना है। इस पर उन्होंने बताया कि देश का रिकवरी रेट में तेजी से सुधार हुआ है। 3 मई को जहां रिकवरी रेट 81.8 प्रतिशत था, जो बढ़कर अब 93.1 प्रतिशत हो गया है।
साथ ही नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि देश में टीकाकरण की गति तेज गति से चल रही है. देश में अब तक 17 करोड़ से अधिक लोगों को कम से कम एक टीका लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के मामले में भारत अमेरिका से आगे निकल गया है, वहां अब तक 16 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है।
कोरोना वायरस का डेल्टा स्ट्रेन
एक सरकारी अध्ययन में पाया गया है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे कोरोनावायरस (Coronavirus) का डेल्टा स्ट्रेन (Delta Strain) है। जिससे चारों तरफ तबाही का मंजर बना हुआ है। कोरोना वायरस(Corona Virus) का ये स्ट्रेन भारत में ही सबसे पहले सामने आया था, जो दूसरे वेरिएंट से ज्यादा संक्रामक और तेजी से फैलने वाला है।
ऐसे में कोरोना वायरस के इस स्ट्रेन को लेकर भारतीय SARS COV2 जीनोमिक कंसोर्टिया और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट या B.1.617.2 स्ट्रेन, केंट, UK में पाए गए अल्फा वेरिएंट की तुलना में "ज्यादा संक्रामक" है। साथ ही ये संक्रमण की दूसरी लहर के कारण की जांच के लिए ये अध्ययन शुरू किया गया था।
अध्ययन में दूसरी लहर बेहद खतरनाक इस अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट वास्तव में अल्फा स्ट्रेन की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है, पर कई वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक मौतों या मामलों की ज्यादा गंभीरता में डेल्टा वेरिएंट की भूमिका का अभी तक कोई सबूत नहीं है।
इसी सिलसिले में UK में कोविड (Covid) वेरिएंट की निगरानी करने वाले पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) का कहनाहै कि शुरुआती सबूत बताते हैं कि "अल्फा की तुलना में डेल्टा वेरिएंट के कारण अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए ज्यादा डेटा की जरूरत है।"
वहीं यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के मुख्य कार्यकारी जेनी हैरिस ने कहा, "इस वेरिएंट के अब पूरे यूके में प्रभावी होने के साथ, ये महत्वपूर्ण है कि हम जितना ज्यादा हो सके उतनी सावधानी बरतें।" डेल्टा वेरिएंट की तुलना में बहुत कम साथ ही भारत में किए गए अध्ययन में कहा गया कि देश में 12,200 से ज्यादा "वेरिएंट ऑफ कंसर्न" हैं। यदि उनकी उपस्थिति डेल्टा वेरिएंट की तुलना में बहुत कम है, जिसने दूसरी लहर में दूसरे सभी वेरिएंट को पछाड़ दिया।
इस बारे में हुए अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट सभी राज्यों में मौजूद है, लेकिन दिल्ली, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में सबसे ज्यादा संक्रमित है। ये वो राज्य हैं, जो दूसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।
ऐसे में अध्ययन में कहा गया है कि भारत में 29,000 कोविड मामले के सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई है। वहीं इसमें से 8,900 सैंपल में B.1.617 पाया गया है। इनमें से 1,000 से ज्यादा सैंपल्स में डेल्टा वेरिएंट पाया गया है।