Coronavirus: बच्चों पर कोरोना की मार, हजारों हुए अनाथ, सबसे ज्यादा यूपी में प्रभावित
Coronavirus: कोरोना के चलते अब तक कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। महामारी की मार 9,346 बच्चों पर पड़ी है।
Coronavirus: देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) का कहर जारी है। इस लहर में संक्रमण की बेकाबू रफ्तार ने न केवल लोगों को तेजी से अपना निशाना बनाया, बल्कि कई मरीजों को मौत की नींद सुला दी। अब भले ही कोरोना के नए मामलों में कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन मृत्यु दर अभी भी संतोषजनक नहीं है।
महामारी के चलते अब तक कई बच्चे प्रभावित हुए हैं और कईयों ने अपने माता पिता को खो दिया। बाल स्वराज पोर्टल (Bal Swaraj Portal) पर राज्यों ने ऐसे ही 9,346 बच्चों की जानकारी दी है। इसमें कोरोना वायरस काल में मार्च 2020 से लेकर मई 2021 तक अपनों को खोने वालों में बच्चों का डाटा राज्यों ने अपलोड किया है।
8 से 13 साल के बच्चे सबसे ज्यादा हुए प्रभावित
पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, अब तक इस कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा 8 से 13 साल के बच्चे प्रभावित हुए हैं। इनकी कुल संख्या 3,711 है। जबकि 14 से 16 साल के बच्चों की संख्या 1620, 16 से 17 साल के बच्चों की संख्या 1712, चार से सात साल तक के 1515 बच्चे और तीन साल तक के 788 बच्चे प्रभावित हुए हैं।
एमपी में सबसे ज्यादा हुए अनाथ
राज्यों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी से अनाथ होने वाले बच्चों की सबसे ज्यादा संख्या मध्य प्रदेश में है। जबकि महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए बच्चे उत्तर प्रदेश में हैं। मध्य प्रदेश में इस बीमारी से करीब 318 बच्चे अनाथ हुए, जबकि 104 पूरी तरह से बेसहारा हो गए हैं और कुल 712 बच्चे कोरोना से प्रभावित हुए हैं।
यूपी में सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे
वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पर कोरोना वायरस महामारी से 29 मई तक 2110 बच्चे प्रभावित हुए हैं, इसमें 270 बच्चों ने अपने दोनों अभिभावकों को खो दिया यानी अनाथ हुए हैं, 10 बच्चों को उनके माता पिता ने त्याग दिया, 1830 बच्चों के एक अभिभावक की मौत इस महामारी से हुई है।
अन्य राज्यों का क्या है हाल?
इसके अलावा बिहार में कोरोना से प्रभावित होने वाले बच्चों की संख्या 1 हजार 327 हैं। इसमें 1,035 ने अपने एक अभिभावक और 292 ने दोनों अभिभावकों को खो दिया है। इसी तरह हरियाणा में कुल 776 बच्चे प्रभावित हुए हैं। इनमें से 732 ने अपने एक अभिभावक को दिया, जबकि 44 बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश में कोरोना से कुल प्रभावित 473 बच्चे हैं, इनमें से 89 अनाथ हैं।
केंद्र और राज्यों ने शुरू की कल्याणकारी योजनाएं
आपको बता दें कि कोरोना वायरस से प्रभावित हुए बच्चों के लिए केंद्र और कई राज्य सरकारों ने तमाम कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकारें महामारी के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए आगे आई हैं। लगभग सभी राज्यों में बच्चों की मदद के लिए कदम उठाए गए हैं।
मोदी सरकार का एलान
बीते दिनों केंद्र की मोदी सरकार ने इन बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत मदद की राशि देने का एलान किया था। यह मदद उन बच्चों को दी जाएंगी जिन्होंने कोरोना महामारी की वजह से अपने माता-पिता या अभिभावक दोनों को खो दिया है। इसके साथ ही ऐसे बच्चों को 18 वर्ष की उम्र में मासिक मदद राशि और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड भी दी जाने की बात की कही गई।
इसके साथ ही इन बच्चों की फ्री शिक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी। इन बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए लोन भी मिलेगा और इसके लिए जो भी ब्याज होगा वह पीएम केयर फंड से दिया जाएगा। कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों को 18 साल की उम्र तक आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस भी मिलेगा। इसके लिए जो भी प्रीमियम है वो पीएम केयर की ओर से भुगतान किया जाएगा।
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