सात वर्षों में पहली बार संघ ने मोदी सरकार के काम काज पर उंगली उठाई

केंद्र में जब बीजेपी की सरकार बनी है तब से लगातार आरएसएस मोदी के कामों की सराहना करता आ रहा है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-05-16 23:12 IST

मोहन भागवत मोहन भागवत की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

नई दिल्ली। देश में जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी है तब से लगातार राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ मोदी के कामों की सराहना करता आ रहा है। लेकिन वर्ष 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद यह पहला अवसर है जब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कोरोना बीमारी पर मोदी सरकार को रास्ते सुझाने के साथ ही घेरने का भी काम किया। हालांकि भागवत ने यह भी जोड़ा कि यह समय एक दूसरे पर उंगली उठाने का नहीं पर सवाल इस बात का है संघ की तरफ से अगर यह बात कही गयी है तो जरूर सरकार की तरफ से कोरोना को रोकने में कुछ न कुछ असफल कोशिश हुई है।

संघ विधानसभा चुनावों को लेकर चिंतित

दरअसल पश्चिम बंगाल में मिली हार के बाद अब संघ अगले साल यूपी उत्तराखंड और पंजाब समेत कुछ और राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से चिंतित है। संघ को पता है कि इन राज्यों में विपक्ष कोरोना को लेकर केन्द्र सरकार पर सीधे हमला करेगा जिससे भाजपा की यूपी और उत्तराखण्ड की भाजपा सरकारों पर असर पड़ेगा। साथ ही इस बार पंजाब में भाजपा के अकेले लड़ने के बाद इस राज्य में अपनी सरकार बनाने के सपने को भी गहरा झटका लग सकता है।

मोदी सरकार के साथ संघ, पर कोरोना को लेकर असंतुष्ट

मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा कि 'हमे घबराना नहीं है हमे चट्टान की तरह खडे रहना है।' इसका सीधा सा अर्थ है कि संघ पूरी तरह से मोदी सरकार के साथ है पर कोरोना को रोकने को लेकर किए गए प्रयासों से पूरी तरह से संतुष्ट भी नहीं है। केन्द्र सरकार को आइना दिखाते हुए उन्होंने साफ बता दिया कि केन्द्र सरकार पहली लहर के बाद लापरवाह हो गयी थी।

तीसरी लहर को लेकर निराशा का भाव पैदा न हो

मोहन भागवत ने निराशा का भाव पैदा न हो इसलिए उन्होंने इंग्लैड के पूर्व प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल का उदाहरण दिया। मोहन भागवत ने इतिहास की ओर इंगित करते हुए कहा कि दूसरे विश्व युद्व के दौरान चर्चिल ने अपनी डेस्क पर लिख रखा था कि यहां पर निराशावादियों को आने की कोई जरूरत नहीं हैं। हम हार की संभावनाओं में दिलचस्पी नहीं रखते हैं। समय समय पर भाजपा समेत अन्य संगठनों को दिशा दिखाने वाले राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने इतना तो तय कर दिया कि मोदी सरकार को अभी से कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सजग होने की जरूरत है क्योंकि कोरोना महामारी मानवता के लिए बड़ी चुनौती है।

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