Coronavirus: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी जल्द लग सकेगी वैक्सीन
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की गाइडलाइन के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिया गया निर्णय अहम है।
Coronavirus: कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं एवं धातृ महिलाओं को प्रसव पूर्व कोविड टेस्ट के दायरे से बाहर कर दिया गया है, लेकिन इन महिलाओं को कोविशील्ड या कोवैक्सीन लगवाने की आईसीएमआर ने सलाह दी है। हालांकि अभी सरकार के स्तर पर इसे मंजूरी मिलनी बाकी है। यदि सरकार इसे मंजूरी दे देती है तो गर्भ धारण कर चुकी और अपने शिशुओं को स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए वैक्सीन लगवाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
लेकिन यह बात सही है कि अब गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व कोविड टेस्ट की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की गाइडलाइन के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिया गया निर्णय अहम है। इसके पीछे उद्देश्य है गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व कोविड टेस्ट के बाद रिपोर्ट का इंतजार करने से उत्पन्न समस्याओं से निजात दिलाना। अब गर्भवती महिलाओं को बिना देरी किए तुरंत उपचार प्रदान करने की सलाह आईसीएमआर ने दी है।
गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव के पश्चात सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का निर्देश दे दिया गया है। साथ ही सेवा प्रदान करते समय कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विशेष कदम उठाए जाने की भी नसीहत दी है। आईसीएमआर द्वारा जारी गाइडलाइन में स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में गर्भवती महिलाओं को सेवा देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। साथ ही हिदायत है कि सेवा में किसी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। इसकी शिकायत के लिए विभाग ने 104 कॉल सेंटर पर शिकायत दर्ज करवाने की अपील भी लोगों से की है।
गर्भवती महिला लें पौष्टिक आहार
चिकित्सकों की सलाह है स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने की जरूरत है। इसके तहत मछली, अंडा, दूध, हरी सब्जी, पत्तीदार सब्जी जरूर खानी चाहिए है। गर्भवती महिलाओं को हल्की एक्सरसाइज के साथ साथ अच्छी नींद लेने की भी सलाह दी गई है। गर्भवतियों को कोविड 19 के प्रोटोकॉल का अक्षरशः पालन करने की भी सलाह दी गई है। कोरोना संक्रमण का प्रसार देखते हुए गर्भवती महिलाओं का सतर्क रहना आवश्यक है। गर्भवती महिला घर से बाहर नहीं निकलें। गर्म पानी का सेवन करें। ठंडी चीजों के सेवन से बचना अनिवार्य है।
राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) की सिफारिशों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को किसी भी कंपनी की कोरोना वैक्सीन चुनने का विकल्प दिया जा सकता है। लेकिन कोवीशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच 12-16 हफ्ते का फर्क होना चाहिए। इसके अलावा समूह ने दूध पिलाने वाली (स्तनपान) महिलाओं को डिलीवरी के बाद कभी भी वैक्सीन की डोज लेने की मंजूरी देने की मंजूरी की सिफारिश की है।
समूह ने सिफारिश की है कि कोवीशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच गैप बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया जाए। इस समय यह अंतराल चार से आठ हफ्ते का है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को अपनी इच्छा से उपलब्ध किसी भी कंपनी की कोरोना वैक्सीन लगवाने की मंजूरी दी जाए। भारत में इस समय दो कंपनियों की वैक्सीन उपलब्ध है, एक- सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और दूसरी- भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन। तीसरी वैक्सीन स्पूतनिक के भी जल्द आ जाने की संभावना है। समूह ने अपने बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डिलीवरी के बाद किसी भी समय वैक्सीन की डोज लगवाने के लिए मंजूरी देने को भी कहा है।
समिति की सिफारिशों पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। खासकर तीसरी तिमाही में (Third Trimester of Pregnancy), जब कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। कई चिकित्सकों ने महिलाओं के पूरे स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर कोरोना वैक्सीन के असर के बारे में भी चिंता जताई है।
हालांकि डॉक्टर इस बात को मान रहे हैं कि अभी तक आए रिसर्च में किसी में भी वैक्सीन के महिलाओं के स्वास्थ्य पर या पीरियड्स पर गलत असर की रिपोर्ट नहीं आई है। लेकिन अभी वैक्सीन का प्रैग्नेंसी के दौरान उपयोग पर क्लीनिकल ट्रायल होना बाकी है।
डाक्टरों का यह भी कहना है कि पीरियड्स के दौरान कोरोना की वैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं पर कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है। केवल एक चीज ये है कि अगर आप पीरियड्स के कारण पेट में दर्द, कमजोरी या शरीर में दर्द जैसी थोड़ी परेशानी महसूस कर रही हैं, तो आप एक या दो दिन के लिए टीकाकरण को अवायड कर सकती हैं।
अगर की महिला को ये नहीं पता है कि वह गर्भवती है और अगर उसने कोरोना का टीका लगवा लिया है तो इसमें किसी तरह की चिंता करने या घबराने की बात नहीं है क्योंकि अब तक ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है, जिसमें ये बताया गया हो कि कोरोना वैक्सीन से आने वाले बच्चे को कोई नुकसान या खतरा हो सकता है।
टीकाकरण की सिफारिशों पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि चूंकि यह एक जीवित वायरस नहीं है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सिफारिश की है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोरोना टीका लगाया जा सकता है, इसीलिए हमने उन्हें टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की सिफारिश की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन पिछले दिनों के बयान में कहा था कि गर्भवती महिलाओं को कोविड वैक्सीन तभी लगवानी चाहिए जब उन्हें कोविड-19 के संक्रमण का अधिक खतरा हो। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन दी जा सकती है अगर वो इसके लिए पात्र मानी गई हैं।