Covid 4th Wave in Delhi : क्या दिल्ली में आ रही है कोरोना की चौथी लहर? जानें क्यों कहा जा रहा ऐसा

Covid 4th Wave: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों के डॉक्टरों का अनुमान है कि आने वाले 10-15 दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामले पीक पर होंगे।

Written By :  aman
Update: 2022-05-04 07:21 GMT

covid 4th wave may come in delhi (Social Media)

Covid 4th Wave in Delhi : देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसे लेकर काफी गंभीर है। मगर, कोरोना वायरस (coronavirus) के नए XE वैरिएंट (XE Variants) के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हाल के दिनों में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना संक्रमण के मामलों में खासी बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली की स्थिति चिंताजनक है।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों के डॉक्टरों का अनुमान है कि आने वाले 10 से 15 दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामले पीक पर होंगे। डॉक्टरों का कहना है कि पीक के ठीक बाद ही मामले कम होने लगेंगे। डॉक्टरों के आकलन के बाद अब यह कहा जाने लगा है कि क्या दिल्ली में जल्द ही कोरोना की चौथी लहर (Fourth Wave Of Corona) आने वाली है। 

क्यों माना जा रहा चौथी लहर?

गौरतलब है कि, राजधानी दिल्ली में पिछले दो सप्ताह के कोरोना रिपोर्ट पर नजर डालें तो रोजाना 1000 से अधिक संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं। लेकिन, देश की प्रमुख मेडिकल रिसर्च बॉडी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian council of medical research) का कहना है कि, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को चौथी लहर के रूप में नहीं बल्कि, लोकल ट्रेंड (Local Trend) के रूप में देखा जाना चाहिए।

नए मामलों की ये वजह तो नहीं 

दरअसल, दिल्ली के डॉक्टरों ने अंग्रेजी अख़बार इकोनॉमिक टाइम्स (Economic Times) से बात करते हुए कुछ अन्य जानकारियां दी। डॉक्टरों ने बताया कि राजधानी दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के पीछे की एक वजह 'टेस्टिंग' (Testing) का कम होना है। इस कारण प्रतिदिन कोरोना के नए मामले देखने को मिल रहे हैं।

हो रही है फोकस्ड टेस्टिंग

अंग्रेजी दैनिक से बात करते हुए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) के हेड कम्यूनिटी मेडिसिन जुगल किशोर ने बताया, कि 'राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) ज्यादा होने के पीछे का कारण यह है कि अथॉरिटी केवल फोकस्ड टेस्टिंग (Focused Testing) कर रही है। इसके तहत केवल उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में पॉजिटिव रेट ज्यादा होने की संभावना रहती है।'

XE वेरिएंट के लक्षण बेहद हल्के 

जुगल किशोर ने बताया कि, ओमिक्रॉन के नए XE वेरिएंट के लक्षण महज तीन से पांच दिनों तक ही दिखाई पड़ते हैं। ऐसी स्थिति में संभव है कि आगामी 10 से 15 दिनों में राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले पीक पर हों सकते हैं। हालांकि, पीक के एक हफ्ते के भीतर ही मामले कम होने शुरू हो जाएंगे। बता दें कि, ओमिक्रॉन (omicron) का यह नया सब-वैरिएंट संक्रामक है। और इसके लक्षण काफी हल्के होते हैं। इन स्थितियों के मद्देनजर लोग इसे हल्के में लेने की भूल ना करें।

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