Cryptocurrency In India: क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिलने की उम्मीद, बनेंगी गाइडलाइंस

Cryptocurrency In India:वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो सरकार अगले शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को संसद पटल पर रख देगी।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-11-14 17:46 GMT

भारत: क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिलने की उम्मीद, बनेंगी गाइडलाइंस: Design Photo - Social Media

Cryptocurrency In India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency in india) को कुछ नियमों के साथ औपचारिक मान्यता मिलने की संभावना है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने एक बैठक की है और कल वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की स्थाई संसदीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। अब भारत में क्रिप्टोकरेंसी के यूजर दस करोड़ से ज्यादा हैं और भारत विश्व में क्रिप्टोकरेंसी के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बाजार है।

क्रिप्टोकरेंसी के बारे में मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) और आतंकी फंडिंग को लेकर आशंकाएं हैं। लेकिन एक नई ग्लोबल क्रांति और टेक्नोलॉजी में पिछड़ न जाएं ये भी देखना है। ऐसे में कुछ नियम कायदों के साथ क्रिप्टो को मंजूरी दी जा सकती है। वैसे भी अभी क्रिप्टोकरेंसी अवैध नहीं है और कोई बैन भी नहीं है। भारत में कॉइनबेस जैसे बड़े प्लेयर आ भी चुके हैं और बिट-बीएनएस जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज (crypto exchange) भी हैं जिनका बाकयदा भारत में रजिस्टर्ड ऑफिस है। यही नहीं, भारत में ऑपरेट कर रहे क्रिप्टो एक्सचेंज अपने यूजर्स के केवाईसी करते हैं और बैंकों के जरिये लेनदेन होते हैं। यानी एक तरह से सिस्टम वैधानिक आवरण में काम कर रहा है।

सभी लेनदेन अज्ञात और गोपनीय हैं

दिक्कत ये है कि सभी लेनदेन अज्ञात और गोपनीय हैं, पैसा कहाँ से आकर कहाँ गया कुछ पता नहीं चलता। क्रिप्टो एक्सचेंज पर कोई सरकारी कन्ट्रोल नहीं है और लेनदेन पर सरकार को कुछ मिल भी नहीं रहा है। इन बातों के अलावा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई फ्रॉड और स्कैम भी चल रहे हैं।

क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध तो मुमकिन नहीं

क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध तो मुमकिन नहीं है। ऐसे में कुछ उपाय किये जा सकते हैं। कुछ सामान्य दिशानिर्देश आ सकते हैं, हालांकि किसी कानून के बारे में अंतिम निर्णय तो बाद में ही पता चलेगा। सामान्य दिशानिर्देश इस प्रकार के हो सकते हैं :

- सभी क्रिप्टो एक्सचेंज किसी नियामक संस्था, मिसाल के तौर पर सेबी या रिज़र्व बैंक, के साथ अनिवार्य रूप से रजिस्टर्ड हों।

- ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा के लिए एक्सचेंजों को एक नियत राशि रजिस्ट्रेशन के समय नियामक संस्था के पास जमा करना अनिवार्य कर दिया जाए।

- सभी एक्सचेंजों के लिए ग्राहकों का ब्यौरा और लेनदेन का लेखाजोखाकिसी नियामक संस्था को देना अनिवार्य बना दिया जाए।

- एक निश्चित धनराशि के ऊपर के लेनदेन की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया जाए।

- ग्राहकों को शिक्षित करने की व्यवस्था बने और भ्रामक विज्ञापन देने पर बंदिश लगा दी जाए।

- क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर टैक्स लगा दिया जाए।

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अगले सत्र में आ सकता है विधेयक

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के सूत्रों का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो सरकार अगले शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को संसद पटल पर रख देगी। सरकार ने पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के नियमन को लेकर एक विधेयक का प्रस्ताव तैयार किया था जिसमें इसको पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की बात थी। लेकिन जिस तरह से बड़े पैमाने पर भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है उसे देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की संभावना नहीं है।

चीन की तरह क्रिप्टोकरेंसी को बंद करने का फैसला नहीं करना चाहिए-वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय में यह विचार है कि चीन की तरह क्रिप्टोकरेंसी को बंद करने का फैसला नहीं करना चाहिए, बल्कि नियमों के साथ इससे चलाने की अनुमति होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने के बारे में बात कही थी। दूसरी तरफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त, 2021 में एक कार्यक्रम में कहा था कि वह क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बंद करने पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदम प्रगतिशील और आगे की सोच रखने वाले होंगे।

पीएम के साथ मीटिंग में तय हुआ कि सरकार विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर काम करेगी। चूंकि यह विषय भौगोलिक सीमाओं से परे है, इसलिए वैश्विक भागीदारी और सामूहिक रणनीति के साथ इस मुद्दे पर काम किया जाएगा।

रिज़र्व बैंक (reserve bank) ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रभावों की जांच करने के लिए आंतरिक पैनल का गठन किया था। जिसकी रिपोर्ट अगले हफ्ते आने की उम्मीद है। इससे पहले बैंक ने क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाने का सर्कुलर जारी किया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में रद्द कर दिया था।

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