CUCET 2022: अब ग्रेजुएशन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा, जुलाई से व्यवस्था लागू
Common Entrance Test: नई शिक्षा नीति के तहत यह पिछले साल ही लागू हो जाने वाला था लेकिन महामारी के कारण नहीं हो पाया।
Common Entrance Test: ग्रेजुएशन चार साल का करने के बाद अब यूजीसी (UGC) ने केंद्रीय विश्वविद्यालययों में अंडर ग्रेजुएट दाखिलों में बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं की भूमिका खत्म कर दी है और इसकी जगह कॉमन एडमिशन टेस्ट (Common Admission Test) की व्यवस्था कर दी है। ये परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी। नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत यह पिछले साल ही लागू हो जाने वाला था लेकिन महामारी (Corona Virus Mahamari) के कारण नहीं हो पाया।
12वीं के अंकों को अंडर ग्रेजुएट दाखिलों का आधार बनाने को खत्म करना देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव है। दरअसल 12वीं के अंकों की वजह से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को दाखिलों के लिए 99 और 100 प्रतिशत जैसे बहुत ही ऊंचे और अवास्तविक कट ऑफ निकालने पड़ते हैं।
परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर होगा दाखिला
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने फैसला लिया है कि देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट दाखिले 12वीं की परीक्षा के अंकों के आधार पर नहीं होंगे बल्कि इसकी जगह विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CUET) आयोजित की जाएगी और दाखिला सिर्फ इस परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर होगा।
अभी तक अंडर ग्रेजुएट कोर्सों में दाखिले का मूल आधार 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के अंक हुआ करते थे। हर साल इन अंकों के आधार पर कॉलेज अपनी अपनी कट ऑफ निर्धारित किया करते थे। अब सीयूईटी होने से 99 फीसदी और 100 फीसदी जैसे कट ऑफ के युग का अंत हो जाएगा।
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