Cyclone Gulab: इस साल इन चक्रवाती तूफानों ने मचाई तबाही, अब 'गुलाब' देने वाला है दस्तक

Cyclone Gulab: इस साल का तीसरा चक्रवात तूफान आज यानी रविवार शाम उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तट से टकराने वाला है। पाकिस्तान ने इस तूफान का नाम 'गुलाब चक्रवात' (Cyclone Gulab) दिया है

Written By :  Shreya
Newstrack :  Network
Update:2021-09-26 13:33 IST

समुद्र में उठती लहरें (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Cyclone Gulab: इस साल का तीसरा चक्रवात तूफान आज यानी रविवार शाम उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तट से टकराने वाला है। पाकिस्तान ने इस तूफान का नाम 'गुलाब चक्रवात' (Cyclone Gulab) दिया है, लेकिन इसके नाम पर बिल्कुल ना जाइए क्योंकि यह साइक्लोन अपने साथ तबाही भी लेकर आ सकता है। वहीं, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के चलते बनने वाले चक्रवात गुलाब के खतरे को देखते हुए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी कर दिया गया है। इसी के साथ ही पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों में भी भारी बारिश का अलर्ट (Barish Ka Alert) जारी हुआ है। 

ऐसा कहा जा रहा है कि जब यह चक्रवाती तूफान ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट को पार करेगा तब हवा की गति करीब 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 100 किमी प्रति घंंटे तक हो सकती है। इस दौरान लहरों की ऊंचाई 14 से 16 फीट होगी। चक्रवात को लेकर राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं और राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें पहले से ही तैनात कर दी गई हैं। साथ ही मछुआरों को भी 27 सितंबर तक समुद्री तटों से दूरी बनाए रहने की सलाह दी गई है। 

तूफान तितली से की जा रही तुलना

चक्रवात गुलाब भारत में आने वाला इस साल का तीसरा बड़ा तूफान है, जबकि ओडिशा से इस साल टकराने वाला दूसरा चक्रवाती तूफान होगा। चार महीने पहले ही यास चक्रवात आया था। वहीं, कहा जा रहा है कि गुलाब की तीव्रता साल 2018 में राज्य में आए तूफान तितली के बराबर ही होगी। बता दें चक्रवात तूफान तितली (Chakravat Toofan Titli) ने भी ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई थी। इससे आंध्रप्रदेश में करीब 8 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि ओडिशा सरकार ने शून्य जानहानि का दावा किया था। इस तूफान के चलते श्रीलंका में भी 12 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। 

तूफान के चलते समुद्र में उठीं लहरें (फोटो साभार- ट्विटर) 

भारत में इस साल आए दो चक्रवाती तूफान

आपको बता दें कि गुलाब तूफान से पहले भारत में इस साल दो चक्रवात उठ चुके हैं। चक्रवात ताउते (Cyclone Tauktae) और चक्रवात यास (Cyclone Yaas) के चलते भयंकर तबाही हुई थी। पहला चक्रवात ताउते 14 से 19 मई के बीच अरब सागर में बना था, जो कि सौराष्ट्र के तट से टकराया था। इस दौरान हवा की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई थी। जबकि दूसरा चक्रवात यास 23 और 28 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी में बना था, जो ओडिशा तट से टकराया था। इस दौरान हवा की रफ्तार 145 किलोमीटर प्रति घंटा के करीब थी। 

ताउते का असर (Cyclone Tauktae Ka Asar)

चक्रवात ताउते की बात करें तो इस तूफान ने भारत के तटवर्ती शहरों में भारी तबाही मचाई थी। गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा समेत कई पश्चिमी राज्यों में काफी ज्यादा नुकसान दर्ज किया गया था। हालांकि सबसे ज्यादा महाराष्ट्र और गुजरात राज्य प्रभावित हुए थे। अकेले ठाणे जिले में इस तूफान के चलते 2100 घरों को नुकसान पहुंचा था। जबकि 363 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें भी नष्ट हो गई थीं। केवल इतना ही नहीं चक्रवाती तूफान तौकते की वजह से अरब सागर में बार्ज पी-305 डूब गया था, जिससे 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 40 लोग लापता हो गए थे। 

तूफान के बाद रास्ता साफ करती एनडीआरएफ की टीम (फोटो साभार- ट्विटर) 

चक्रवात यास का असर (Cyclone Yaas Ka Asar)

वहीं, यास चक्रवाती तूफान के चलते ओडिशा, बंगाल और झारखंड में कुल 6 से 7 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि इसके अलावा काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। ओडिशा में तो करीब 128 गावों में पानी भर गया था। वहीं ओडिशा में कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। वहीं, इस चक्रवात का असर झारखंड में भी काफी ज्यादा देखने को मिला। यहां पर राजधानी रांची में उद्घाटन से पहले ही करोड़ों का पुल ध्वस्त हो गया था। रांची जिला के बुंडू थाना क्षेत्र के कांची नदी पर बना पुल करीब 10 करोड़ की लागत से बनाया गया था। साल 2014 में पुल का शिलान्यास रखा गया था और 2019 में इसे लोगों के लिए खोल दिया गया। हालांकि पुल का विधिवत उद्घाटन अबतक नहीं हो पाया था। 

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