अरब सागर क्यों हुआ बेचैन, भेज रहा लगातार चक्रवाती तूफान

मौसम विज्ञानियों और पर्यावरणविदों के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग के चलते अरब सागर में अब ज्यादा चक्रवाती तूफान उठने लगे हैं।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Shreya
Update: 2021-05-17 15:48 GMT

अरब सागर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: अरब सागर से उठा चक्रवात तौकते (Cyclone Tauktae) गुजरात तट पर दस्तक दे चुका है, ऐसे में एक सवाल उठा है कि आखिर क्या वजह है कि अरब सागर (Arabian Sea) से तूफान उठने शुरू हो गए हैं जबकि पिछला इतिहास अगर खंगालते हैं तो अरब सागर कभी तूफानों का केंद्र नहीं रहा बल्कि बंगाल की खाड़ी से अक्सर ऐसे चक्रवाती तूफान उठते रहे हैं। विशेषज्ञ इस बारे में लगातार मंथन कर रहे हैं कि हाल के वर्षों में ऐसा क्या हुआ है जिसकी वजह से तूफानों का ट्रेंड बदल गया और भारत पर लगातार इन तूफानों का कहर टूट रहा है जिसकी वजह से जानमाल के साथ गंभीर आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।

मौसम विज्ञानियों और पर्यावरणविदों के निष्कर्षों को मानें तो इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) है। ग्लोबल वॉर्मिंग पूरी दुनिया पर मंडराता ऐसा खतरा है, जिस पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में समुद्र तटवर्ती कई देशों का नामों निशान मिट जाएगा और तटवर्ती इलाकों से एक बड़ी आबादी को विस्थापित होना पड़ जाएगा।

बदला अरब महासागर का मिजाज

वैज्ञानिकों के मुताबिक, हाल के वर्षों में मोटे तौर पर 2017-18 के बाद से अरब महासागर के मिजाज में परिवर्तन आया है और यहां बड़ी संख्या में चक्रवात (Cyclone) उठने शुरू हो गए हैं। इसकी वजह तलाशते हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके मूल में अरब महासागर के पानी का तापमान बढ़ना है।

अरब सागर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इस संबंध में जब आंकड़ों का अध्ययन किया गया तो यह बात सामने आई कि 1891 से 2017 के बीच उत्तरी प्रशांत महासागर से सालाना लगभग पांच चक्रवाती तूफान उठा करते थे जिसमें चार बंगाल की खाड़ी से होते थे और सिर्फ एक अरब सागर से हुआ करता था। लेकिन पिछले कुछ सालों से या ये कहें कि 2017 के बाद से अरब सागर में लगातार चक्रवाती तूफान उठ रहे हैं।

चक्रवाती तूफानों का केंद्र बन रही अरब सागर

देखा जाए तो 2018 में मेकानु, 2019 में वायु और 2020 में निसर्ग आदि चक्रवाती तूफानों का केंद्र अरब सागर ही थी। वैज्ञानिक देख रहे हैं कि चक्रवाती तूफानों का क्रम पलट रहा है। 2017 से पहले जहां बंगाल की खाड़ी से चक्रवाती तूफानों की अधिकता होती थी हाल के सालों में अरब सागर ने बंगाल की खाड़ी की जगह ले ली है। 2019 में अरब सागर से पांच चक्रवाती तूफान उठे जबकि बंगाल की खाड़ी से तीन। 2020 में बंगाल की खाड़ी से तीन चक्रवात थे दो अरब सागर से दो।

वैज्ञानिक इसके पीछे वजह ग्लोबल वार्मिंग को मान रहे हैं उनका कहना है कि पहले अरब सागर का पानी बंगाल की खाड़ी के मुकाबले ठंडा रहता था लेकिन अब अरब सागर का तापमान एक से दो डिग्री बढ़ गया है जिसके चलते चक्रवात अधिक उठ रहे हैं। वर्तमान चक्रवात तौकते भी सबसे पहले गोवा की राजधानी पणजी के आसपास टकराया है जहां का तापमान 30 डिग्री से अधिक है।

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