बच्चों के हत्यारें हैं राजधानी दिल्ली के ये अस्पताल, सामने आई रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा
दिल्ली में केंद्र सरकार के चार बड़े में अस्पतालों में हर महीने लगभग 70 बच्चों की हर महीने मौत हुई है।
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अस्पतालों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्र सरकार के चार बड़े में अस्पतालों में हर महीने लगभग 70 बच्चों की हर महीने मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा बुरे हाल सफदरगंज अस्पताल (Safdarjung Hospital) के हैं। इसमें 81 महीने में हर महीने करीब 50 नवजातों की जान चली गई। अस्पतालों के बारे में इस जानकारी का खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के तौर पर हुआ है।
ऐसे में सफदरजंग अस्पताल के अलावा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), कलावती सरन अस्पताल (Kalawati sharan Hospital) और सुचेता कृपलानी अस्पताल (Sucheta kriplani Hospital) ने सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत दायर किए गए अलग-अलग आवेदनों के जवाब में जानकारी दी है।
इन आरटीआई (RTI) आवेदनों में जनवरी 2015 से जुलाई 2021 के बीच इन अस्पतालों में जन्म के बाद जान गंवाने वाले नवजातों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी गई थी। इस जानकारी में साथ ही यह भी पूछा गया था कि इन बच्चों की मौत की आखिर क्या वजह रही है। राजधानी के सफदरजंग और सुचेता कृपलानी अस्पतालों ने सितंबर 2021 तक के आंकड़े उपलब्ध कराए हैं।
सबसे ज्यादा मौते सफदरगंज अस्पताल में
अस्पतालों में बच्चों की मौत के मामले में आरटीआई (RTI) के तहत मिले जवाब के अनुसार, इस दौरान राजधानी के इन अस्पतालों में 3.46 लाख से अधिक बच्चों का जन्म हुआ। जिसमें से 5724 बच्चों की मौत हो गई।
हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से चार हजार से ज्यादा बच्चों की मौते अकेले सफदरजंग अस्पताल में ही हुई हैं। लेकिन इसके अलावा सफरजंग अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। फिलहाल कलावती सरन अस्पताल को छोड़कर दिल्ली के अन्य किसी अस्पताल ने बच्चों की मौत की वजह नहीं बताई है। जबकि राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने बच्चों की मौत का आंकड़ा नहीं सामने आने दिया।
सामने आए इन आंकड़ों की गणना करने पर प्रति हज़ार बच्चों पर शिशु मृत्यु दर 16.5 आती है। वहीं नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण (SRS) के अक्टूबर 2021 में जारी बुलेटिन के अनुसार, 2019 में दिल्ली में प्रति हजार बच्चों पर शिशु मृत्यु दर 11 थी।