Coronavirus बड़ी खबर: कोरोना मरीज के सुसाइड करने पर परिवार को मिलेगा मुआवजा

Coronavirus: कोरोना महामारी एक बड़ी त्रासदी साबित हुई है जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है जिसमें कोरोना पॉजिटिव पेसेंट के आत्महत्या करने पर उसके परिवार वाले अनुग्रह राशि के हकदार होंगे

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-23 10:59 GMT

कोरोना मरीज के सुसाइड करने पर परिवार को मिलेगा मुआवजा: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया 

New Delhi: केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को जानकारी दी है कि कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाए जाने के 30 दिनों के भीतर आत्महत्या (suicide) से मरने वाले लोगों के परिवार के सदस्य भी राज्य आपदा राहत कोष (State Disaster Relief Fund) से भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राशि (Compensation amount) के हकदार हैं। केंद्र सरकार ने पहले सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि उसने कोरोना से मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की सिफारिश की है।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आज केंद्र द्वारा दायर एक अतिरिक्त हलफनामे में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन एक्ट (disaster management act) के तहत एनडीएमए द्वारा 11 सितम्बर को जारी दिशा-निर्देशों के संबंध में उपयुक्त निर्देश अदालत द्वारा पारित किया जा सकता है। जिसके द्वारा कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के 30 दिनों के भीतर आत्महत्या करने वाले लोगों के परिवार के सदस्य वित्तीय सहायता प्राप्त करने के हकदार होंगे।

केंद्र सरकार के अतिरिक्त हलफनामे में कहा गया है कि मुआवजे के दायरे को व्यापक और अधिक समावेशी बनाने के लिए, कोरोना टेस्ट की तारीख से 30 दिनों के भीतर या कोरोना मामले के रूप में चिकित्सकीय रूप से निर्धारित होने की तारीख से होने वाली मौतों को कोरोना के कारण होने वाली मौतों के रूप में माना जाएगा। भले ही मृत्यु अस्पताल के बाहर हुई हो। हलफनामे में कहा गया है कि अस्पताल या इनपेशेंट सुविधा में भर्ती होने के दौरान कोरोना से ग्रसित मामले और जो मरीज 30 दिनों से अधिक समय तक भर्ती रहे और बाद में उनकी मृत्यु हो गई, उन्हें कोरोना मृत्यु के रूप में माना जाएगा।

कोरोना से मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 50,000 रुपये का मुआवजा

केंद्र सरकार ने पहले सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि उसने कोरोना से मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की सिफारिश की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दायर पहले हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया गया था कि राज्यों द्वारा संबंधित राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से अनुग्रह सहायता का भुगतान किया जाएगा।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(एनडीएमए) (National Disaster Management Authority) द्वारा अनुशंसित 50,000 रुपये की इस मुआवजे की राशि के लिए पात्र व्यक्तियों में वे लोग शामिल होंगे जिन्होंने राहत कार्यों और तैयारियों की गतिविधियों में अपनी जान गंवाई। विस्तृत अतिरिक्त हलफनामे में, गृह मंत्रालय ने कोविड के कारण आत्महत्या करने वालों के परिवार के सदस्यों को मुआवजे के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शीघ्र सुनवाई में उठाए गए कुछ सवालों के समाधान का प्रयास किया है।

केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि 3 सितंबर, 2021 के दिशानिर्देशों के लागू होने से पहले अस्पतालों या सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए किसी भी मृत्यु प्रमाण पत्र की समीक्षा और सुधार किया जा सकता है । इसके परिणामस्वरूप नए सिरे से जारी किया जा सकता है। केंद्र ने कहा था कि मृतक के परिजनों को संबंधित जिला स्तरीय समिति के समक्ष शिकायत करने के लिए स्वतंत्रता प्रदान की जाएगी।

केंद्र ने सुझाव दिया है कि राज्यों द्वारा समिति के गठन की समय सीमा 30 दिनों के रूप में निर्धारित की जा सकती है, जिसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उपयुक्त निर्देश जारी किया जा सकता है।


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