Swine Flu In Delhi: दिल्ली में खतरनाक वायरस की दस्तक, 60 दिन में 44 गुना बढ़े मरीज, जानें कैसे करें बचाव

Swine Flu In Delhi: देश में अभी कोरोना वायरस का संकट खत्म नहीं हुआ है कि इस बीच एक और नई मुसीबत ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दस्तक दे दी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-11-03 03:33 GMT

स्वाइन फ्लू (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Swine Flu In Delhi: एक तरह देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण खत्म नहीं हुआ है कि इस बीच कई सारी मुसीबतें बढ़ने लगी है। पहले देश के कई राज्यों में डेंगू (Dengue) ने दस्तक दे दी तो अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्वाइन फ्लू का खतरा (Swine Flu Ka Khatra) बढ़ गया है। राजधानी में स्वाइन फ्लू के मामले (Swine Flu Ke Mamle) भी बढ़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 60 दिन में करीब 44 गुना मरीज बढ़े हैं। वहीं दूसरी ओर इस वायरस के खतरे को देखते हुए सरकार भी अलर्ट (Swine Flu Alert) हो गई है। 

बताया जा रहा है कि कोरोना, डेंगू और स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण (Symptoms) लगभग एक जैसे होते हैं और ऐसे में मरीजों को समय पर इलाज न मिलने पर हॉस्पिटल्स में गंभीर मामले भी आने शुरू हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के अधीन IDSP की ओर से 30 सितंबर तक की स्थिति की रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि जुलाई महीने में राजधानी में स्वाइन फ्लू के केवल 2 केस ही थे, जबकि अब मरीजों की संख्या बढ़कर 88 हो चुकी है। हालांकि इस दौरान किसी भी मरीज की मौत की पुष्टि नहीं हुई है।

डॉक्टरों ने दी ये सलाह

डॉक्टरों का कहना है कि इन बीमारियों के शुरुआती लक्षण एक जैसे होने की वजह से यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि व्यक्ति इनमें से किस बीमारी से ग्रसित है। अगर किसी मरीज को सर्दी, जुकाम या सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो उसे अपनी जांच जरूर करवा लेनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि आखिर ये स्वाइन फ्लू क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और कैसे बचाव का तरीका अपना चाहिए।

क्या होता है स्वाइन फ्लू (Kya Hota Hai Swine Flu)?

स्वाइन फ्लू को सूअर फ्लू या फिर पिग इन्फ्लूएंजा (Pig Influenza) भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक रोग होता है, जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। यह मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैला था। फ्लू के वायरस से संक्रमित रोगी के खांसने-छींकने से एक-दूसरे में फैलता है। डॉक्टरों का कहना है कि बात करने के दौरान मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से भी एच1एन वायरस के संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। 

सर्दी जुकाम (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वाइन फ्लू के लक्षण (Swine Flu Ke Symptoms)

बुखार

सिरदर्द

कमजोरी महसूस होना

ठंड लगना

दस्त आना

खांसी-जुकाम

गले में खराश

नासिका मार्ग ब्लॉक होना

स्वाइन फ्लू से बचने के उपाय (Swine Flu Se Kaise Bachen)

-05 वर्ष से कम या 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को टीका लगवाना चाहिए।

-टीका लगने के 2 से 3 सप्ताह के बाद बचाव संभव हो पाता है।

-यह बचाव 6 से 12 महीने रहता है।

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