Delta Plus Variants In India: भारत के बाद दुनियाभर के देशों को अपना शिकार बना रहा डेल्टा प्लस वैरिएंट, जानें कितने सुरक्षित हैं आप?
Delta Plus Variants In India: कोरोना वायरस के इस वैरिएंट को लेकर सरकार की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं, क्योंकि यह पिछले वैरिएंट के मुकाबले काफी संक्रामक है और तेजी से फैलता है.
Delta Plus Variants In India: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अब कोरोना के डबल म्यूटेंट डेल्टा प्लस वैरिएंट ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिए हैं. मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र समेत 12 राज्यों में इसके 50 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. डेल्टा प्लस वैरिएंट अब तक लगभग 100 देशों में फैल चुका है. देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के पहले मामले की पुष्टि 11 जून को की गई थी.
क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट
दरअसल, इस वैरिएंट को लेकर सरकार की मुश्किलें इस लिए भी बढ़ गई हैं, क्योंकि यह पिछले वैरिएंट के मुकाबले काफी संक्रामक है और तेजी से फैलता है. साथ ही यह वैरिएंट अन्य के मुकाबले ढाई गुना ज्यादा फैलने वाला है.
भारत में कोरोना की दूसरी लहर डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) के कारण ही आई थी. तब से यह वेरिएंट AY.1 और AY.2 में तब्दील हो गया, जिसने अब डेल्टा प्लस वैरिएंट का रूप में जाना जाता है.
बता दें कि यह कितना घतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने अपनी एक रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि वायरस के स्ट्रेन्स का तेजी से विस्तार हो रहा है.
दरअसल, K417N म्यूटेशन के साथ 'डेल्टा प्लस वैरिएंट' में तब्दील हुए इस वायरस को लेकर आम आदमी की चिंता काफी बढ़ गईं हैं. कई विशेषज्ञों और संस्थानों द्वारा जारी रिपोर्ट में डेल्टा प्लस वैरिएंट को कहीं ज्यादा संक्रामक और खतरनाक बताया गया है.
कई रिपोर्टस में यहां तक दावा किया जा रहा है कि देश में आने वाली संभावित तीसरी लहर इसी डेल्टा प्लस वैरिएंट के कारण आ सकती है. डेल्टा प्लस वेरिएंट को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित कर दिया है. सरकार ने एक बयान में बताया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी प्रभावी हैं इसपर अध्ययन किया जा रहा है.
डेल्टा प्लस वैरिएंट से आप कितने सुरक्षित
एक्सपर्ट का कहना है कि, जो लोग पहले डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं, ऐसे लोगों पर डेल्टा प्लस वैरिएंट का ज्यादा प्रभाव नहीं होने की उम्मीद है. इसका मुख्य कारण शरीर में बनी एंटीबॉडीज हैं. जिसके चलते बॉडी पर इसके प्रभाव की संभावना न के बराबर हैं.
देश में डेल्टा प्लस के मामले फिलहाल बहुत तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं, हालांकि, सरकार इस वैरिएंट की निगरानी पूरी बारिकी से कर रही है, क्योंकि डेल्टा प्लस वैरिएंट कभी भी खतरनाक रूप ले सकता है.
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे बचें?
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचने के लिए हमें वही उपाय अपनाने हों जो हमने पिछले साल मिले मूल स्वरूप के दौरान अपनाए थे. जैसे कि घर से बाहर निकलते समय डबल मास्क जरूर पहनें. मास्क पहनने से पहले हाथों को सैनिटाइज जरूर करें. अनावस्यक रूप से घर से बाहर न निकलें.
हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद साबुन से अच्छी तरह 20 सेकेंड तक धोते रहें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, घर की चीजों और आसपास की जगहों को साफ रखें और डिसइंफेक्ट करते रहें. बाहर से आने वाले सामान को डिसइंफेक्ट करें और करीब 30 मिनट बाद ही छुएं.