Deshbhakti Curriculum: केजरीवाल का बड़ा सियासी दांव है देशभक्ति पाठ्यक्रम, भाजपा को जवाब देने की तैयारी में जुटे
Deshbhakti Curriculum: दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए शहीद-ए-आजम भगत सिंह का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।
Deshbhakti Curriculum: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक बड़ा एलान किया। उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मन में देशभक्ति का जज्बा जगाने के लिए देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्मदिन 27 सितंबर से लागू होने वाले इस पाठ्यक्रम को आम आदमी पार्टी और केजरीवाल का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है।
भाजपा की ओर से केजरीवाल और आप पर तुष्टिकरण की नीति अपनाने और देश विरोधी तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया जाता रहा है। ऐसे में भाजपा को जवाब देने के लिए केजरीवाल ने अब यह बड़ा कदम उठाया है। केजरीवाल ने देशभक्ति जैसा मुद्दा उठाकर ऐसी सियासी चाल चली है जिसका भाजपा और अन्य सियासी दलों की की ओर से भी कोई विरोध नहीं किया जा सकता।
देशभक्ति के भाव पैदा करने की नहीं हुई कोशिश
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए शहीद-ए-आजम भगत सिंह का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। यही कारण है कि दिल्ली सरकार की ओर से सरदार भगत सिंह के जन्मदिन 27 सितंबर से एक बड़ी पहल शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद विभिन्न स्कूलों में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ और अन्य विषयों की पढ़ाई होती रही मगर छात्र-छात्राओं के मन में देशभक्ति का जज्बा जगाने की कोशिश कभी नहीं की गई। किसी भी सरकार की ओर से देशभक्ति से जुड़ी सामग्री स्टूडेंट्स को नहीं परोसी गई। ऐसा करके केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना भी साधा।
उन्होंने कहा कि भले ही दूसरी सरकारों की ओर से स्टूडेंट्स में देशभक्ति की भावना पैदा करने की कोई कोशिश न की गई हो मगर अब दिल्ली सरकार ने इस संबंध में बड़ा कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसीलिए दिल्ली सरकार छात्र-छात्राओं के लिए देशभक्ति का पाठ्यक्रम लेकर आई है।
अभिभावकों को भी करनी होगी मदद
उन्होंने कहा कि केवल स्कूली स्तर पर प्रयास करके बच्चों में देशभक्ति का भाव पैदा नहीं किया जा सकता। इसके लिए अभिभावकों को भी आगे आना होगा और बच्चों के स्कूल से आने पर उनके साथ देशभक्ति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए। बच्चों को देश के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से जुड़ी बातें और कहानियां बताई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से शुरू किया जा रहा प्रयास सिर्फ पाठ्यक्रम मात्र नहीं होगा बल्कि इसके जरिए स्टूडेंट्स में देशभक्ति का भाव पैदा करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद बच्चे में गर्व के भाव पैदा करना और उन्हें देश के लिए सबकुछ न्योछावर करने के लिए तैयार करना है
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में आप की सरकार बनने के बाद पिछले कुछ वर्षों के दौरान शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव किया गया है। इसी का नतीजा है कि अब स्कूलों में रिजल्ट पहले से काफी अच्छे आने लगे हैं। बदलाव के नाम पर उन्होंने हैप्पीनेस और एंटरप्रेन्योरशिप क्लास का जिक्र किया।
योग को लेकर भी बड़ी पहल
देशभक्ति पाठ्यक्रम के साथ ही केजरीवाल ने योग को लेकर भी बड़ी पहल शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती यानी दो अक्टूबर से हम दिल्ली के विभिन्न पार्कों, उद्यानों और कॉलोनियों में योग सिखाने की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक 21 जून को योग दिवस मनाने के अलावा इस दिशा में कोई पहल नहीं की जाती।
लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से योग कक्षाओं की शुरुआत की जाएगी। इन कक्षाओं में लोगों को योग सिखाने के लिए योग शिक्षकों की एक बड़ी टीम तैयार करने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि योग सीखने के इच्छुक लोगों का समूह सरकार से संपर्क कर सकता है और उन्हें सरकार की ओर से योग शिक्षक उपलब्ध कराया जाएगा।
केजरीवाल ने दिया भाजपा को जवाब
दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से की गई इन दोनों घोषणाओं को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि इन कदमों के जरिए केजरीवाल ने भाजपा को घेरने के साथ ही यह भी साबित करने की कोशिश की है कि देशभक्ति के लिए मुहिम छेड़ना किसी एक पार्टी का एजेंडा नहीं है बल्कि इसके प्रति देश के दूसरे सियासी दल भी चिंतित है और इसके लिए पहल की जा रही है।
भाजपा की ओर से समय-समय पर केजरीवाल पर तुष्टिकरण और देश विरोधी तत्वों से सांठगांठ का आरोप लगाया जाता रहा है। सीएए, जेएनयू और जामिया प्रकरण को भाजपा और आप के बीच काफी आरोप-प्रत्यारोप लगे थे। भाजपा ने केजरीवाल पर देश विरोधी तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया था। ऐसे में केजरीवाल ने बड़ा कदम उठाकर भाजपा को जवाब देने की कोशिश की है।