खुफिया विभाग को मिली जानकारी, मानसून सत्र में संसद भवन का घेराव कर सकते हैं किसान

केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है। सरकार को मनाने के लिए किसान अपनी बात पर अड़े हुए हैं और पिछले कई महीनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसान न तो तपती धूप, आंधी-बारिश से झुके और न ही कड़कड़ाती ठंड किसानों का कुछ बिगाड़ सकी। अब कहा जा रहा है कि किसान संसद भवन का घेराव करने के मूड में है।

Published By :  Priya Panwar
Update: 2021-07-01 07:33 GMT

प्रदर्शन कर रहे किसानों की फाइल फोटो -क्रेडिट सोशल मीडिया

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है। सरकार को मनाने के लिए किसान अपनी बात पर अड़े हुए हैं और पिछले कई महीनों से किसान  दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसान न तो तपती धूप, आंधी-बारिश से झुके और न ही कड़कड़ाती ठंड किसानों का कुछ बिगाड़ सकी। अब कहा जा रहा है कि किसान संसद भवन का घेराव करने के मूड में है। इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मिली है। कहा जा रहा है कि किसान  मानसून सत्र के दौरान संसद भवन का घेराव कर सकते हैं। यह मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा। दिल्ली पुलिस इस मामले को लेकर काफी गंभीर है और कहा जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर बालाजी श्रीवास्तव ने गुरुवार को पीएचक्यू (पुलिस हेड क्वाटर) में सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारियों को ऐसे इनपुट मिले है कि कुछ किसान मानसून सत्र को लेकर साजिश कर रहे हैं, इसके लिए किसानों की ओर से एक बैठक बुलाई गई, जिसमें यह रणनीति बनाई गई कि संसद के घेराव के लिए किसानों को इकठ्ठा किया जा सकता है या नहीं.. ये ही नहीं बैठक में पूछा गया कि किसानों को किस आधार पर और कैसे ज्यादा से ज्यादा संख्या में एक बार फिर से दिल्ली के बॉर्डर पर इकठ्ठा किया जा सकता है।

यह जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस एक बार फिर सतर्क हो गई है और इसके समाधान के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। कहा जा रहा है कि पुलिस मुख्यालय में होने वाली बैठक में संसद सत्र के दौरान कितने अतिरिक्त बलों की आवश्यकता होगी, इस पर भी चर्चा की जा सकती है। 

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