कांग्रेस में आजाद को मनाने की कवायद, कोविड टास्क फोर्स में सौंपी अहम जिम्मेदारी
कांग्रेस कार्यसमिति की हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद को पार्टी की ओर से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) में असंतुष्ट नेताओं का प्रमुख चेहरा माने जाने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को मनाने की कवायद शुरू हो गई है। कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार (Monday) को हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद आजाद को पार्टी की ओर से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पार्टी की ओर से चलाए जा रहे राहत कार्यों में तालमेल के लिए पार्टी ( Party) की ओर से 13 सदस्यीय कोविड-19 रिलीफ टास्क फोर्स (Covid-19 Relief Task Force) का गठन किया गया है और इसकी अगुवाई गुलाम नबी आजाद ( Ghulam Nabi Azad) को सौंपी गई है।
इसके साथ ही हाल में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार की समीक्षा के लिए भी एक समिति का गठन किया गया है। महाराष्ट्र के प्रमुख नेता अशोक चव्हाण को इस पांच सदस्यीय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
टास्क फोर्स के प्रमुख होंगे आजाद
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी हाईकमान की ओर से कोविड-19 रिलीज टास्क फोर्स के गठन की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इसकी अगुवाई की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को सौंपी गई है।
आजाद के अलावा इस कार्यबल में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, पार्टी के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला, मनीष चतरथ और भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी को भी शामिल किया गया है।
हाईकमान का फैसला काफी महत्वपूर्ण
आजाद को स्टार्स को फोर्स को प्रमुख बनाए जाने के फैसले को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आजाद को कांग्रेस के असंतुष्ट माने जाने वाले जी 23 का प्रमुख चेहरा माना जाता है। आजाद के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और राज बब्बर आदि जी 23 में शामिल माने जाते हैं। यह ग्रुप कई महीनों से पार्टी में संगठनात्मक चुनाव कराने की मांग करता रहा है।
असंतुष्टों को मनाने की कवायद
असंतुष्ट नेताओं का यह भी कहना है कि पार्टी में जिम्मेदारी के साथ जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि पार्टी को मजबूत बनाया जा सके। पार्टी के हाईकमान के इस कदम को आजाद को मनाने की कवायद माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व का मानना है कि आजाद की नाराजगी दूर होने से अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी मनाने में मदद मिलेगी।
पार्टी का मोदी सरकार पर हमला
कांग्रेस ने सोमवार को ही कार्यसमिति की बैठक में कोरोना संकट के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। पार्टी का कहना है कि वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी की अनदेखी की गई और सरकार किसी भी तरह दूसरी लहर का सामना करने के लिए तैयार नहीं थी।
मदद के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना
पार्टी ने कोरोना संकटकाल में लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय कार्यालय के साथ प्रदेश मुख्यालयों में भी कंट्रोल रूम की स्थापना की है। पार्टी की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस भी लोगों की मदद करने में जुटी हुई है। पार्टी हाईकमान ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे संकट की इस घड़ी में आम लोगों की मदद करें ताकि उन्हें मुसीबतों से निजात मिल सके।
हार की समीक्षा के लिए भी बनी समिति
कार्यसमिति की बैठक में कोरोना संकट के साथ ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार पर भी व्यापक रूप से चर्चा की गई थी। अब पार्टी हाईकमान की ओर से हार की समीक्षा करने के लिए भी 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण को इस समिति की अध्यक्षता सौंपी गई है। इस समिति में चव्हाण के अलावा सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, विसेंट एच पाला और जोथी मनी को शामिल किया गया है। इस समिति में शामिल मनीष तिवारी को भी असंतुष्टों के ग्रुप से जुड़ा हुआ माना जाता है।
चुनावी राज्यों का दौरा करेगी समिति
समिति के सदस्यों से चुनावी राज्यों में जाने को कहा गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह समिति उन राज्यों का दौरा करेगी जहां हाल में चुनाव हुए थे और पार्टी के कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों और राज्य के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार करेगी।
चुनावों में लगा पार्टी को भारी झटका
हाल में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी असम और केरल में सत्ता में वापसी का सपना देख रही थी मगर उसे दोनों ही राज्यों में हार झेलनी पड़ी है। पश्चिम बंगाल में तो पार्टी का सूपड़ा ही पूरी तरह साफ हो गया है। पुडुचेरी में भी अभी तक कांग्रेस की सत्ता थी मगर वहां भी पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी है। सिर्फ तमिलनाडु में पार्टी गठबंधन को जीत हासिल हुई है मगर यहां भी जीत का पूरा श्रेय डीएमके को ही दिया जा रहा है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस के प्रदर्शन को निराशाजनक बताते हुए हार से सबक लेने की बात कही है।