Goa Election 2022: उत्पल की नाराजगी बीजेपी को पड़ेगी भारी, डैमेज कंट्रोल में जुटे फड़नवीस

Goa Election 2022: गोवा में पर्रिकर की जनता में खासी पकड़ रही है। यहां की जनता का उनसे भावनात्मक जुड़ाव रहा है। यही वजह है कि उत्पल पर्रिकर पणजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर अपने पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-01-20 17:20 IST

गोवा विधानसभा चुनाव 2022: Photo - Social Media

Goa Election 2022: विधानसभा चुनाव (Goa assembly election 2022) को लेकर गोवा में इन दिनों सियासी सरगर्मी तेज है। आम आदमी पार्टी(AAP) और टीएमसी (TMC) सरीखी मजबूत क्षेत्रिय पार्टियों ने देश के इस सबसे छोटे राज्य के चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है। ऐसे में इन मजबूत विपक्षी दलों से मिल रही तगड़ी चुनौती से पार पाने में जुटी सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ अपनों ने ही मोर्चा खोल दिया है। इनमे सबसे मशहूर नाम है पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parikar) के बेटे उत्पल पर्रिकर का।

पणजी विधानसभा सीट (Panaji Assembly seat) पर अपना दावा ठोक रहे उत्पल ने स्पष्ट शब्दों में भाजपा आलाकमान से अपनी मंशा जाहिर कर दी है। दरअसल, दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Late Chief Minister Manohar Parrikar) साल 1994 से लेकर 2012 तक लगातार पणजी विधानसभा सीट से चुनाव जीतते रहे हैं।

गोवा में बीजेपी को ड्रांइविंग सीट पर लाने वाले पर्रिकर की जनता में खासी पकड़ रही है। यहां की जनता का उनसे भावनात्मक जुड़ाव रहा है। यही वजह है कि उत्पल पर्रिकर इस सीट से चुनाव लड़कर अपने पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं। हालांकि बीजेपी ने उत्पल पर्रिकर को टिकट देने से इनकार कर दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के गोवा प्रभारी देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) ने परिवारवाद का हवाला देते हुए उनके योग्यता पर ही सवाल उठा दिया। जिससे नाराज उत्पल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही।

विपक्षी दलों ने उत्पल पर्रिकर का किया समर्थन

वहीं उत्पल के बगावती तेवर ने जहां बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं, वहीं विपक्ष उनके नाराजगी को भूनाने की कोशिश में जुट गया है। गुरूवार को जारी 34 उम्मीदवारों की सूची में उत्पल पर्रिकर का नाम न देखते हुए गोवा में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने तुरंत इस मुद्दे को लपकने की कोशिश की।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने उत्पल के पीड़ा पर सियासी मरहम लगाते हुए उन्हें आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी पर पर्रिकर परिवार का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने पर्रिकर परिवार के साथ भी इस्तेमाल करो और फेंको की रणनीति अपनाई है। वो (अरविंद केजरीवाल) हमेशा दिवंगत मनोहर पर्रिकरजी का सम्मान किया है।

विपक्षी नेताओं के गोलबंदी ने बीजेपी को डाला मुश्किल में

आप में उत्पल जी का स्वागत है। इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी उत्पल पर्रिकर के चुनाव लड़ने के फैसले का समर्थन किया था। ऐसे में विपक्षी नेताओं के गोलबंदी को देखते हुए बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। कुछ समय पहले उत्पल पर कटाक्ष करते नजर आए देवेंद्र फड़नवीस ने अब पर्रिकर परिवार को अपना परिवार बताया है। फड़नवीस उत्पल पर्रिकर को मनाने में जुटे हुए हैं।

दरअसल, पणजी विधानसभा सीट का बीजेपी के लिए राज्य की राजनीति में अपना एक अलग महत्व है। दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के इस सीट को बीजेपी किसी भी कीमत पर दोबारा गंवाना नहीं चाहती। इस सीट पर हार राज्य में बीजेपी की सियासी सेहत के लिए ठीक नहीं। ऐसे में बीजेपी चुनाव से ऐन पहले पर्रिकर परिवार को अपने साथ ले पाती है या नहीं, ये देखना दिलचस्प होगा।

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