Godhra Kand Ka Aaropi: नहीं रहा मुख्य आरोपी हाजी बिलाल, बीमारी के चलते अस्पताल किया गया था शिफ्ट

Godhra Kand Ka Aaropi: 2011 में एसआईटी कोर्ट ने 11 को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इस मामले में 63 आरोपियों को बरी किया था।

Newstrack :  Network
Published By :  Monika
Update:2021-11-26 15:21 IST

नहीं रहा मुख्य आरोपी हाजी बिलाल (photo : सोशल मीडिया )

Godhra Kand Ka Aaropi: गोधरा कांड (Godhra Kand) का मुख्य आरोपी हाजी बिलाल कई दिनों से बीमार चल रहा था । बीमारी के चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया । अभी अभी खबर मिली है कि उसकी मौत (haji bilal died) हो गयी । बता दें, 2002 में गोधरा में ट्रेन के डिब्बे जलने का मामला सामने आया था जो दिल दहलाने वाला था । इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने कुल 11 दोषियों को फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था । 2011 में एसआईटी कोर्ट ने 11 को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इस मामले में 63 आरोपियों को बरी किया था।

क्या है गोधरा कांड? (kya hai Godhra Kand) 

27 फ़रवरी 2002 की काली रात को आज भी कोई नहीं भूल पाया । जिसमें हिन्दू और मुस्लिम भाईचारे की भावना को आग लगा दी थी । यही दिन था जब गुजरात के गोधरा में एक ट्रेन को मुस्लिम उपद्रवियों ने मिलकर आग लगा दी थी । इस ट्रेन में 90 से अधिक कारसेवकों की जान गयी थी। इस मामले के बाद से ही गुजरात में दंगा भड़का था। दंगा भड़कने से 1200 से अधिक लोग मारे गए।

इस कांड में जिन दोषियों को फांसी की सजा उम्र कैद में बदली थी उनके नाम थे..

1.हाजी बिलाल इस्माइल

2. अब्दुल मजीद रमजानी

3. रज्जाक कुरकुर

4. सलीम उर्फ सलमान जर्दा

5. ज़बीर बेहरा

6. महबूब लतिका

7. इरफान पापिल्या

8. सोकुट लालू

9. इरफान भोपा

10. इस्माइल सुजेला

11. जुबीर बिमयानी

कोर्ट ने यूसी बनर्जी समिति की रिपोर्ट को ठुकरा दिया था  

इस केस की जांच कर रही यूसी बनर्जी समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि ट्रेन एस-6 में लगी आग एक दुर्घटना थी। 2006 को गुजरात हाई कोर्ट ने यूसी बनर्जी समिति की रिपोर्ट को ठुकरा दिया और उसे अमान्य करार कर दिया । 2008 में एक जांच आयोग बनाया गया था और नानावटी आयोग को जांच सौंपी गई। जिसमें कहा गया कि आग दुर्घटना नहीं बल्कि एक साजिश के तहत हुई थी।

Tags:    

Similar News