Green Kranti: किसान भाइयों ये खबर आपके लिए है, जानिये कैसे ला सकते हैं ग्रीन क्रांति

Green Kranti: जैविक मैन के नाम से विख्यात आरके सिन्हा के द्वारा आयोजित सेमिनार में कृषि वैज्ञानिक आकाश चौरसिया ने कहा है कि पौधों के तनाव को संगीत से काफी हद तक कम किया जा सकता है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shweta
Update:2021-10-09 19:32 IST

मल्टीलेयर के जनक आकाश चौरसिया  

Green Kranti: मल्टीलेयर जैविक कृषि प्रशिक्षण के चौथे दिन मल्टीलेयर के जनक आकाश चौरसिया ने कहा कि मनुष्यों की तरह ही पौधे भी वातावरण के प्रभाव और केमिकल के प्रयोग से तनाव ग्रस्त हो जाते हैं जिससे उन्हे कई प्रकार की बीमारियां पकड लेती हैं जिससे उनका उत्पादन कम हो जाता है और उत्पादों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। अत: फसलों के उत्पादन में वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार के लिये यदि खेतों में मधुर सॅंगीतों को प्रसारित किया जाये तो पौधों के तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

जैविक मैन के नाम से विख्यात आरके सिन्हा के द्वारा आयोजित सेमिनार में कृषि वैज्ञानिक आकाश चौरसिया ने कहा है कि पौधों के तनाव को संगीत से काफी हद तक कम किया जा सकता है। चौरसिया ने तीन दिनों में मल्टीलेयर फार्मिंग के लिये प्रशिक्षणार्थियों के माध्यम से ही जमीन तैयार करवाई। साफ और तैयार की हुई जमीन में नीम की खल्ली, कली चूना, वर्मी कम्पोस्ट, ट्राईकोडरमा, पत्तों की खाद आदि मिलाकर जमीन को तैयार करने के बाद 5'x 8' के अन्तर पर खॅंभों को गाडकर क्यारियां बनाई गईं।अब अगले तीन दिनों में पूरे फार्म को घेरकर अलग- अलग सतहों पर पांच फसलें लगाई जायेंगीं। इसके साथ ही हम आपको आज एक ऐसी व्यक्ति से रूबरू कराएंगे जो बचपन में यूं तो माता-पिता के अनुशासन से बाहर निकलकर आज़ादी महसूस करने के लिए दादा के पास गांव जाकर खेती किसानी में उनका हाथ बंटाया करते थे लेकिन लोग आज उन्हें जैविक मैन के नाम से जानते हैं, जो जैविक खेती के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करते हुए लोगों के लिए न सिर्फ़ प्रेरणा बने हुए हैं बल्कि लोगों को जागरूक करते हुऐ उन्हें जैविक खेती अपनाने के लिए समय- समय पर जानकारी साझा करते हुए उनका मार्गदर्शन भी कर रहे है।


हम बात कर रहे हैं भाजपा के संस्थापक सदस्य व पूर्व सांसद राज्यसभा आर. के सिन्हा की जिनका मानना है कि आज के दौर में मनुष्य अपने खाने-पीने की सामग्री को लेकर बेहद चिंतित नज़र आता है क्योंकि एक तो मिलावट और ऊपर से हमारी भोजन सामग्री की तैयारी में पेस्टिसाइड का प्रयोग हमे अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है। जिससे मनुष्य के शरीर मे घातक बीमारियां जन्म ले रही है और जीवन बर्बादी की और जा रहा है। वर्तमान में चाहे सब्ज़ी हो या धान, गेहूँ ,तिलहन हर चीज़ की उपज में यूरिया समेत तमाम हानिकारक दवाओं का उपयोग किया जाता है जो मनुष्य के शरीर के लिए बेहद हानिकारक है। जिनसे छुटकारा पानी स्वस्थ जीवन के लिए बेहद ज़रूरी है। आपको बताते चले की अवसर ट्रस्ट एवं आद्या ओर्गेनिज्म के तत्वधान में 7 दिवसीय कृषि कार्यक्रम का आयोजन आरके सिन्हा के द्वारा कराया गया है, जिसके अंतर्गत मल्टिलेयर फार्मिंग से खेती कर कैसे लाभ अर्जित करे एवं जैविक खेती स्वास्थय के लिये लाभदायक क्यों है आदि विषयो पर चर्चा कर जागरूकता फैलायी जा रही है। आज दोस्तपुर मंगरौली के प्रधान, ग्रामीण विकास मॅंत्रालय के पदाधिकारी दिग्विजय सिंह जी, अमेटी विश्वविद्यालय के ऑर्गैनिक कृषि विभाग की प्रोफेसर सॅंगीता सिंह, वरिष्ठ पत्रकार पत्रकारिता सम्मान प्राप्त पद्मश्री रामबहादुर राय जी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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