चंडीगढ़ को लेकर दो सूबे आमने-सामने, पंजाब के प्रस्ताव के बाद हरियाणा ने भी बुलाया विशेष सत्र

Chandigarh Row : पंजाब की भगवंत मान सरकार की ओर से दावेदारी ठोके जाने के बाद अब खट्टर सरकार ने भी चंडीगढ़ के मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  aman
Update:2022-04-04 09:42 IST

हरियाणा ने भी बुलाया विशेष सत्र (chandigarh row)

Chandigarh Row : पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) के बीच राजधानी चंडीगढ़ (Chandigarh) पर वर्चस्व कायम रखने के मुद्दे पर टकराव बढ़ गया है। पंजाब विधानसभा में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने का प्रस्ताव पारित होने के बाद दोनों राज्यों के बीच सियासी घमासान और तेज हो गया है। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) सरकार भी चंडीगढ़ पर दावे को लेकर पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है।

पंजाब की भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार की ओर से दावेदारी ठोके जाने के बाद अब खट्टर सरकार ने भी चंडीगढ़ के मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है। पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद ही मुख्यमंत्री खट्टर ने अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि हरियाणा चंडीगढ़ पर अपनी दावेदारी नहीं छोड़ सकता। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के तेवर से साफ है कि अब इस मुद्दे को लेकर टकराव काफी बढ़ चुका है।

हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र

पंजाब में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सियासी हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। राज्य में प्रचंड बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है और भगवंत मान की ताजपोशी हुई है। राज्य में मान सरकार का गठन होने के बाद हाल में विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करके चंडीगढ़ पर पंजाब की दावेदारी जताई गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि चंडीगढ़ को पंजाब सरकार को हस्तांतरित किया जाना चाहिए।

पंजाब विधानसभा में पारित किया गया यह प्रस्ताव टकराव का बड़ा कारण बन गया है क्योंकि अब हरियाणा में पंजाब को जवाब देने का मन बना लिया है। हरियाणा सरकार की ओर से 5 अप्रैल को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया है। मुख्यमंत्री खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया। हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि यह विशेष सत्र एक दिवसीय होगा। इस दौरान चंडीगढ़ के मुद्दे पर चर्चा करके प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

विधानसभा में होगी इस मुद्दे पर चर्चा

परिवहन मंत्री ने कहा कि पंजाब विधानसभा की ओर से प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद हरियाणा विधानसभा का भी विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया है। इस सत्र के दौरान पंजाब विधानसभा के प्रस्ताव के बाद पैदा हुई स्थिति पर चर्चा की जाएगी। सियासी जानकारों का मानना है कि पंजाब सरकार को जवाब देने के लिए ही यह विशेष सत्र बुलाया गया है। हरियाणा के तेवर से साफ हो गया है कि अब चंडीगढ़ के मुद्दे पर दोनों राज्यों के बीच टकराव काफी बढ़ चुका है और इसे सुलझाना अब आसान काम नहीं है।

केंद्र सरकार के नियमों में बंधे कर्मचारी

इसे पहले चंडीगढ़ में तैनात 22,000 कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार के नियम लागू किए जाने पर भी खासा विवाद पैदा हुआ था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से इस संबंध में घोषणा की गई थी। गृह मंत्री की घोषणा के बाद केंद्र सरकार की ओर से इस बाबत अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। अधिसूचना जारी किए जाने के बाद चंडीगढ़ में तैनात सरकारी कर्मचारी अब केंद्र सरकार के नियमों के दायरे में आ गए हैं।

अकाली दल-कांग्रेस मान सरकार के साथ

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार के साथ ही शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर विरोध जताया है। सियासी दलों ने इसे राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप बताया है। केंद्र सरकार के इस कदम से पंजाब की भगवंत मान सरकार सतर्क हो गई है और वह चंडीगढ़ पर किसी भी प्रकार की दावेदारी को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।

इसीलिए राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार पर दबाव पैदा करने की कोशिश की गई है। अब पंजाब के इस कदम के बाद हरियाणा में भी पंजाब को तीखा जवाब दिया है और 5 अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है।

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