आतंकियों पर भारी पड़ेगी भारतीय वायुसेना, खरीदने जा रही 10 एंटी ड्रोन

जम्मू में एयफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 10 एंटी ड्रोन खरीदने का फैसला लिया है। इसके लिए भारतीय कंपनियों से ही बोलियों को आमंत्रित किया गया है। जिसे एंटी ड्रोन या काउंटर ड्रोन सिस्टम कहा जा रहा है।

Newstrack :  Priya Panwar
Update: 2021-07-06 01:45 GMT

नई दिल्ली. जम्मू में एयफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 10 एंटी ड्रोन खरीदने का फैसला लिया है। इसके लिए भारतीय कंपनियों से ही बोलियों को आमंत्रित किया गया है। जिसे एंटी ड्रोन या काउंटर ड्रोन सिस्टम कहा जा रहा है। गौरतलब है कि बीते 27 जून को एयफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमला हुआ था, यह पहला ऐसा हमला था जो ड्रोन से किया गया था। भविष्य में इस तरह के हमले न हो। इसके लिए सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट मोड में आ गई है।

एंटी ड्रोन की फाइल फोटो

सुरक्षा एजेंसियों ने बहुत पहले ही ड्रोन से होने वाले हमलों का अंदाजा हो गया था। इसी कारण डीआरडीओ ड्रोन और एंट्री ड्रोन दोनों की तकीनीकों पर पहले ही काम कर चुका है और इसकी तैनाती कई मिलिट्री इंस्टालेशन में की जा चुकी है, पहली बार एंटी ड्रोन को  सार्वजनिक तौर पर  74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान देखा गया था। उस समय अंदेशा जताया जा रहा था कि लालकिले पर ड्रोन से हमला हो सकता है, जिसे देखते हुए लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन नाम के एंटी ड्रोन सिस्टम को तैनात किया गया था।

एंटी ड्रोन की फाइल फोटो

हमले के बाद क्या बोले थे थल सेना चीफ 

भारतीय थल सेना चीफ एमएम नरवणे ने हमले के बाद ये कहा ड्रोन की आसान उपलब्धता ने सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। उन्होंने कहा, 'भविष्य में युद्ध के दौरान स्टेट और नॉन-स्टेट एक्टर्स की तरफ से ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ेगा। हमें भविष्य के लिए इस बात को ध्यान में रखकर योजनाएं बनानी पड़ेंगी। हम ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। हम ड्रोन के आक्रामक इस्तेमाल और खतरे को टालने के लिए एंटी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।'


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