ICMR: कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद कोरोना वायरस का खतरा 95 फीसदी तक हुआ कम

ICMR: आईसीएमआर ने दावा किया है, "कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा 95 प्रतिशत तक कम हो गया है।"

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-07-07 08:08 IST
देश में बहुत तेज रफ़्तार से बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों के चलते सरकार लगातार नियमों और रणनतीति में बदलाव कर रही है. अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कोरोना वायरस टेस्टिंग के संबंध में नई एडवाइजरी जारी की है

ICMR: आईसीएमआर (ICMR) ने तमिलनाडु के पुलिसकर्मियों को दी गई वैक्सीन की दोनों खुराकों को लेकर एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने दावा किया है कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की दोनों खुराक लगवाने के बाद कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा 95 फीसदी कम हो गया है।

आपको बता दें कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) ने मंगलवार को कोरोना वैक्सीन को लेकर एक दावा किया है। आईसीएमआर (ICMR) ने कहा है, "कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा 95 प्रतिशत तक कम हो गया है। वहीं कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक से 82 प्रतिशत तक संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।" उन्होंने यह दावा तमिलनाडु के पुलिसकर्मियों (Tamil Nadu Policemen) पर किए गए अध्ययन के आधार पर कहा है। आईसीएमआर का यह अध्ययन 1 फरवरी से 14 मई तक चला था, जिसके बाद आईसीएमआर ने दावा किया कि कोरोना वैक्सीन लोगों के लिए कितना प्रभावशाली है।

जानकारी के मुताबिक, आईसीएमआर के इस अध्ययन में तमिलनाडु के 1,17,524 पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था। इस अध्ययन में 67,673 पुलिसकर्मियों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाई, वहीं 32,792 पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन की पहली खुराक ली, जबकि 17,059 पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं लगवाई। बाद में इन्हीं में से 31 लोगों की मृत्यु हो गई, जिनमें से 4 लोग ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाई थी, जबकि 7 लोग ने वैक्सीन की पहली खुराक ली थी और बाकी 20 लोगों ने वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं लगवाई थी।

आईसीएमआर ने इसकी जानकारी मंगलवार को एक ट्वीट के माध्यम से दी। आईसीएमआर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम जानकारी साझा करते हुए लिखा, "आईसीएमआर (ICMR) के अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना वैक्सीन फ्रंट लाइन वर्कर्स की मौत को रोकने में कारगर है।" आईसीएमआर ने बताया कि जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई, उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार देखा गया। वैक्सीन लेने के बाद 77 फीसदी लोगों को अस्पताल कम पहुंचते है। वही वैक्सीन लेने के बाद 95 प्रतिशत लोगों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत कम हो जाती है, जबकि 94 फीसदी तक लोगों के आईसीयू में भर्ती होने की भी संभावना कम हो जाती है।

कोरोना संक्रमण के मामले में आई कमी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार के आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या और घटकर 4,64,357 हो गई है और यह कुल संक्रमण का 1.52 प्रतिशत है। दूसरी तरफ कोविड से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर सुधरकर 97.17 प्रतिशत हो गई है। वहीं मंत्रालय ने बताया कि 24 घंटे की अवधि में उपचाराधीन मामलों की संख्या 17,714 घटी है। इस बारे में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए कुल 16,47,424 जांच की गईं। इसके बाद से देश में कोविड-19 के लिए की गई जांचों का कुल आंकड़ा 42,14,24,881 हो गया है।

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