रक्षा मंत्री आज करेंगे पूर्वी लद्दाख का दौरा, चीन से टकराव के बीच सुरक्षा हालात का लेंगे जायजा
रक्षा मंत्री का पूर्वी लद्दाख का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान रक्षा मंत्री बीआरओ की ओर से हाल में तैयार की गई सड़कों व ब्रिजों का भी उद्घाटन करेंगे।
नई दिल्ली: असम और अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज लेह और पूर्वी लद्दाख का दौरा करेंगे। रक्षा मंत्री का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि चीन से टकराव के बीच वे पूर्वी लद्दाख में सेना की तैयारियों और सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा करेंगे। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री फॉरवर्ड लोकेशन पर भी सेना की तैयारियों का जायजा ले सकते हैं।
रक्षा मंत्री का पूर्वी लद्दाख का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान रक्षा मंत्री बीआरओ की ओर से हाल में तैयार की गई सड़कों व ब्रिजों का भी उद्घाटन करेंगे। पूर्वी लद्दाख के दौरे से पूर्व रक्षा मंत्री ने चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि भारत शांति का इच्छुक है, लेकिन हमारी सेनाएं किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
फॉरवर्ड लोकेशन का भी कर सकते हैं दौरा
रक्षा मंत्री का पूर्वी लद्दाख का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और चीन एलएसी पर तनाव खत्म करने के लिए 12वें दौर की सैन्य स्तर की बातचीत के लिए राजी हो गए हैं। सरकार पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में जल्द से जल्द सड़कों और ब्रिजों का जाल बिछाने की कोशिश में लगी हुई है ताकि सेना की आवाजाही को आसान बनाया जा सके।
सड़कों का निर्माण होने से क्षेत्र के लोगों को भी आने-जाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। अपने दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीमावर्ती इलाकों में बनाई गई सड़कों और ब्रिजों को देखने के साथ ही उनका उद्घाटन भी करेंगे। चीनी सेना की गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना ने भी एलएसी पर पूरी सैन्य तैयारियां कर रखी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री फॉरवर्ड लोकेशन पर जाकर सेना की तैयारियों का जायजा भी ले सकते हैं।
दौरे से पूर्व चीन को दिया सख्त संदेश
रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को नौसेना कमान स्थित कोच्चि शिपयार्ड का दौरा किया था। उन्होंने यहां पर निर्माणाधीन देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक आईएसी की समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में चीन को सख्त संदेश भी दिया था।
रक्षा मंत्री ने चीन को चेतावनी दी कि हम शांति जरूर जाते हैं, लेकिन यदि किसी ने भी दुस्साहस करने की कोशिश की तो उससे निपटने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि आईएसी का निर्माण कार्य भारत के लिए गर्व का विषय है और यह आत्मनिर्भर भारत का एक उज्जवल उदाहरण है।
भारत और चीन ने बातचीत के लिए तैयार
इस बीच भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में टकराव खत्म करने के लिए सैन्य स्तर पर बातचीत करने के लिए तैयार हो गए हैं। दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर यह 12वें दौर की बातचीत होगी। दोनों देशों के बीच बातचीत की तारीख जल्द तय की जाएगी ताकि एलओसी से सटे इलाकों में सभी जगहों से दोनों देशों की सेनाओं की पूर्ण वापसी हो सके।
विदेश मंत्रालय की ओर से इस बाबत किए गए ट्वीट में बताया गया है कि दोनों देश कूटनीतिक और सैन्य तंत्र के माध्यम से आगे बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि सेना हटाने के मुद्दे पर द्विपक्षीय समझौतों व प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा।
सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए गठित कार्यतंत्र की 22वीं बैठक में दोनों पक्षों ने सीमावर्ती इलाकों में एलएसी से जुड़े हालात पर चर्चा की। इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों की ओर से एलएसी पर तनाव घटाने और विवाद के बिंदुओं को जल्द सुलझाने पर जोर दिया गया।
सीमांत इलाकों में बिछेगा सड़कों का जाल
इस बीच थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि चीन से सटे सीमांत इलाकों में सड़कों का जाल बिछाया जाएगा और इसका खाका तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस की ओर से चीन से सटे इलाकों को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट पर अब सेना की ओर से कार्रवाई शुरू की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे जनरल नरवणे ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर उन्हें इस बाबत जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि सेना की ओर से सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का निर्माण किया जाएगा ताकि सेना के मूवमेंट में आसानी के साथ ही इन क्षेत्रों का विकास हो सके और युवाओं का पलायन रोकने में मदद मिले।