भारतीय वायुसेना पल भर मेें खत्म करेगी दुश्मनों को, 70 हजार AK-103 असॉल्ट राइफल्स से बढ़ेगी ताकत

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से भारत भी सतर्क हो गया है। भारत और रूस के मध्य एक डील हुई है। जिसमें भारतीय वायुसेना के लिए रूस से 70,000 एके- 103 राइफल (AK-103 असॉल्ट राइफल) खरीदी जाएंगी।

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Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-08-28 13:04 GMT

एके-103 राइफल (फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: भारत अब अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए अहम उठा रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से भारत भी सतर्क हो गया है। भारत और रूस के मध्य एक डील हुई है। जिसमें भारतीय वायुसेना के लिए रूस से 70,000 एके- 103 राइफल (AK-103 असॉल्ट राइफल) खरीदी जाएंगी। रूस से ये डील भारत ने अपनी ताकत में बढ़ोत्तरी करने के लिए की है।

सूत्रों से सामने आई खबर में बताया गया है कि वायुसेना को इस समय करीब 1.5 लाख नई असॉल्ट राइफल की जरूरत है। जिसके चलते रूस से 70,000 एके-103 असॉल्ट राइफल खरीदने के लिए आपातकालीन प्रावधानों के तहत बीते हफ्ते करीब 300 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। वहीं ये हथियार सबसे पहले जम्मू-कश्मीर, श्रीनगर जैसे संवेदनशील हवाई बेसों के साथ फील्ड एरिया में तैनात सैनिकों को दिए जाएंगें।

6.5 लाख राइफलों की आवश्यकता

इसके साथ ही शेष बची राइफलों की पूर्ति भारत और रूस के बीच होने वाली डील के तहत की जाएगी। ये डील एके-203 असॉल्ट राइफलों के अनुबंध सेना के तहत किया जा रहा है। इसमें भारतीय वायुसेना को अपने सैनिकों की मारक क्षमता को मजबूत करने के लिए लगभग 6.5 लाख राइफलों की आवश्यकता है। जिसके चलते वायुसेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 4,000 एसआई सॉर असॉल्ट राइफलों को खरीदने की तैयारी की जा रही है।

ऐसे में भारतीय वायुसेना में इन नए तकनीकी के आधुनिक हथियारों का उपयोग इंसास सीरीज राइफलों (INSAS series rifles) को बदलने के लिए किया जाएगा। जोकि बीते 20 साल से हैं।

सूत्रों से सामने आई खबर में ये भी कहा गया कि नए हथियार वायुसेना को उन आतंकवादियों के खतरे से निपटने में भी मदद करेंगे, जो आने वाले समय में अफगान स्थिति को देखते हुए बेहतर ढंग से सुसज्जित हो सकते हैं।


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