महंगाई ने लोगों का जीना किया दूभर, 3 साल में ये चीजें हुई सबसे महंगी
कोरोना के बाद देश की जनता को अब महंगाई रूला रही है। खाद्य सामाग्री के साथ पेट्रोल, डीजल के दामों में हर रोज आग लग रही है।
पिछले दो सालों से कोरोना महामारी से जूझ रही देश की जनता को अब महंगाई मार रही है। खाद्य सामाग्री के साथ खाद्य तेल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। पेट्रोल, डीजल के दामों में तो हर रोज आग लगती है। देश के कई शहरों में एक लीटर पेट्रोल का दाम 100 रुपये पार कर चुका है, जबकि डीजल भी कई शहरों में 90 से 95 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। रसोईं गैस की बात करें तो घरेलू सिलेंडर के दाम 850 रुपये तक पहुंच गए हैं। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पेट्रोल डीजल का दाम 100 रुपये के पार पहुंच गया है। पिछले तीन साल में खाने पीने की घरेलू चीजों के दाम में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है।
बढ़ती महंगाई पर नजर डालें तो मई 2021 के दौरान दाल 12 फीसदी, प्याज 23 फीसदी, फल 20 फीसदी, तिलहन 36 फीसदी खाने-पीने के दूसरे सामान 5 फीसदी तक तक महंगे हो गए थे। एक साल में किराना के सामान करीब 40 फीसदी तक महंगे हो चुके हैं। वहीं खाद्य तेल के दाम में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। उपभोक्ता मामले विभाग (मूल्य निगरानी डिवीजन) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन साल में अरहर दाल, चना दाल, उड़द दाल, सरसों तेल सोया तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले तीन साल में अरहर दाल में करीब 17 रुपये प्रति किलो यानी 1,700 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है। वहीं उड़द दाल पिछले तीन साल में 30 रुपये किलो सोया तेल 59 रुपये महंगा हुआ है।
वहीं 13 जून 2019 से लेकर 13 जून 2021 तक खाने में सबसे ज्यादा यूज होने वाले आटा और आलू की बात करें तो 13 जून 2019 को इसका रेट 25 रुपये प्रति किलो था। 13 जून 2020 इसका दाम 26 रूपये और 13 जून 2021 को इसका प्रति किलो आटा का रेट 24 रुपये है। आलू की बात करें तो क्रमश: 21 रुपये, 30 रुपये और 19 रुपये किलो रहा।
अब बात पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की करते हैं। इसके दामों में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हुई है। 13 जून 2019 पेट्रोल का दाम 70.35 प्रति लीटर था, 13 जून 2020 को इसका दाम 76.26 रुपये प्रति लीटर था और 13 जून 2021 पेट्रोल का दाम 96.12 तक पहुंच गया। जबकि इसी तरह डीजल का दाम 64.33 रुपये, 74.62 रुपये, 86.98 रुपये रहा। रसोई गैस भी 737.50 रुपये, 593 रुपये, 809 रुपये प्रति सिलेंडर रहा।
खुदरा महंगाई बढ़कर 6.3 फीसदी के स्तर पर पहुंची
बता दें कि मौजूदा समय में खुदरा महंगाई बढ़कर 6.3 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। बीते 6 महीने में सबसे ज्यादा महंगाई देखने को मिली है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में खुदरा महंगाई 4.23 फीसदी थी। आंकड़ों के मुताबिक मई के दौरान खाने-पीने के सामान में 5.01 फीसदी महंगाई देखने को मिली थी। परिवहन ईंधन की उच्च लागत के साथ बेस इफेक्ट से मई में थोक कीमतों पर आधारित भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गया। अप्रैल में यह 10.49 प्रतिशत था। गौरतलब है कि मौजूदा सीरीज में यह डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति की उच्चतम दर है। पिछला उच्च अंक अप्रैल में देखा गया था। मई 2020 में मुद्रास्फीति की मासिक दर (-) 3.37 प्रतिशत रही थी।