International Tiger Day: जंगल के संतुलन के लिए जरुरी हैं बाघ, जानिए कितनी बची है संख्या...
भारत के नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के मुताबिक 2014 में बाघों की संख्या 2226 थी नए आंकड़ों के हिसाब से आज देश में बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई है।
International Tiger Day: पूरी दुनिया में 29 जुलाई का दिन बहुत खास होता है, क्योंकि आज के दिन पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) पूरे धूमधाम से मनाता है। इस दिन का महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि इस दिन लोगों को जागरूक किया जाता है कि बाघ जंगल के लिए कितने जरुरी है।
जंगल में बाघ (Tiger) के रहने से एक संतुलन बना रहता है। भारत भी इस दिन को बड़ी ही धूमधाम से मनाता है और साथ ही लोगों को बाघ को बचाने के लिए प्रेरित भी करता है और इसका फायदा भी देखने को मिला है। हमारे देश में बाघों की संख्या लगतार बढ़ रही है।
भारत के नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी National (Tiger Conservation Authority) के मुताबिक 2014 मैं बाघों की संख्या 2226 थी नए आंकड़ों के हिसाब से आज देश में बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई है।
क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाने का फैसला साल 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग बाघ समिट (St. Petersburg Tiger Summit) में लिया गया था क्योंकि तब जंगली बाघ विलुप्त होने के कगार पर थे। इस सम्मेलन में बाघ की आबादी वाले 13 देशों ने वादा किया था कि साल 2022 तक वे बाघों की आबादी दोगुनी कर देंगे।
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (world wildlife fund) के मुताबिक दुनिया में लगभग 3,900 बाघ ही बचे हैं। 20वीं सदी की शुरुआत के बाद से वैश्विक स्तर पर 95 फीसद से अधिक बाघ की आबादी कम हो गई है। 1915 में बाघों की संख्या एक लाख से ज्यादा थी।
देश में बढ़ने लगी बाघों की संख्या
आपको बता दें कि देश में अब बाघों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है। चाहे मध्य प्रदेश हो, उत्तराखंड या बिहार का वाल्मिकी टाइगर रिजर्व, सभी जगह बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। एनटीसीए (National Tiger Conservation Authority) की मानें तो कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) बाघों की संख्या के मामले में देश के 51 टाइगर रिजर्व में नंबर एक है।