ईरान ने भारत को दिया बड़ा झटका, जानें क्या पड़ सकता है असर
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष के चलते मध्य—पूर्व में तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है।
नई दिल्ली। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष के चलते मध्य—पूर्व में तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। सभी देश अपना—अपना पक्ष चुनने में लगे हुए हैं, वहीं भारत के लिए ऐसा कर पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। मध्य—पूर्व में ईरान काफी समय भारत के साथ रहा है, वैश्विक परिस्थितियों के चलते अब यहां हालात बदल चुके हैं। वही मध्य—पूर्व में बढ़ रहे तनाव के बीच ईरान ने ऐसा फैसला लिया है, जिसे भारत के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने विशाल गैस फील्ड फरजाद—बी के विकास की परियोजना को भारत की कंपनी की जगह अपने देश की एक कंपनी का दे दिया है। बता दें कि भारत इस गैस फील्ड के विकास की परियोजना को पाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत रहा है। इतना ही नहीं फारस की खाड़ी में फरजाद-बी गैस फील्ड की खोज भारत की ही सरकारी कंपनी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने की थी। इसे भारत के लिए एक झटका माना जा रहा है, क्योंकि दोनों देशों के ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिहाज से भी इसे अच्छा नहीं माना जा सकता।
ईरान के पेट्रोलियम मंत्रालय की आधिकारिक न्यूज एजेंसी शाना की एक रिपोर्ट के अनुसार फारजाद बी गैस फील्ड का विकास करने के लिए नेशनल ईरानियन ऑयल कंपनी ने पेट्रोपार्स ग्रुप के साथ 1.78 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ईरान के पेट्रोलियम मंत्री बिजान जांगेनेह की उपस्थिति में 17 मई को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। फारजाद बी गैस फील्ड को लेकर हुआ यह समझौता इस तरफ भी इशारा कर रहा है कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का असर अब भारत-ईरान के ऊर्जा सहयोग पर भी पड़ने वाला है। ज्ञात हो कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे जिसके चलते भारत को भी उससे तेल आयात घटाना पड़ गया था।
सूत्रों की मानें तो फरजाद बी गैस फील्ड काफी अहम है क्योंकि इसमें करीब 23 ट्रिलियन क्यूबिक फीट गैस का भंडार और 60 फीसदी गैस उपयोग में लाने लायक है। शाना की रिपोर्ट के अनुसार 17 मई को हुए इस समझौते के तहत पांच सालों में रोजाना 28 मिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।