क्या 19 अप्रैल तक लगने जा रहा है लॉकडाउन? जानें इस खबर का सच

दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। वैक्सीन आने के बावजूद भारत सरकार समय-समय पर....

written by :  Meghna
Update:2021-04-11 21:39 IST

कोरोना ( सोशल मीडिया)

नई दिल्लीः दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। वैक्सीन आने के बावजूद भारत सरकार समय-समय पर दिशा निर्देशों के पालन को लेकर ऐडवाइजरी जारी कर रही है। देश में फैली नई लहर तेजी से पैर पसार रही है। ऐसे में ये ज़रूरी है कि लोग दिशा निर्देशों के पालन को गंभीरता से लें और साथ ही फर्जी खबरों और अफवाहों से भी दूर रहें।

बता दें कि सोशल मीडिया और टीवी पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया जाएगा। वायरल हो रही तस्वीर में लिखा है, "9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन लगेगा। कल से एक हफ्ते के लिए लगाया जाएगा लॉकडाउन।" हालांकि सरकार द्वारा अब तक ऐसी कोई सूचना साझा नहीं की गई है। इसी को देखते हुए सरकार की पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर हैंडल ने इस खबर का भांडाफोड़ किया है।

पीआईबी ने किया ट्वीटः

गौरतलब है कि पीआईबी ने ट्वीट किया, "एक एडिटेड तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया जाएगा। #PIBFactCheck में यह दावा फर्जी पाया गया है। भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन के संबंध में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। कृपया ऐसी भ्रामक तस्वीरों या संदेशों को गलत संदर्भ में साझा न करें। भारत सरकार द्वारा अगले एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगाए जाने जैसी कोई घोषणा नहीं की गई है। यह तस्वीर फर्जी है।"

नहीं लगेगा लॉकडाउनः

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर देखते हुए 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। 8 अप्रैल 2021 को देश के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग में पीएम मोदी ने लॉकडाउन की जरूरत से इनकार करते हुए जारी दिशा निर्देशों के पालन पर जोर दिया है।

प्रामाणिकता की जांच पर करे विश्वासः

आज के दौर में जहां जानकारियां जल्दी से जल्दी पहुंचने की ज़रूरत है वहीं इस बात पर भी जोर देना होगा की गलत जानकारी ना साझा की जाए। सोशल मीडिया पर आए दिन ऐसी खबरें वायरल होती रहती हैं जिसमें कोरोना वायरस को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। हमें उनकी प्रामाणिकता की जांच कर ही उनपर विश्वास करना होगा।

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