Jammu and Kashmir: हुर्रियत ने चुना नया अध्यक्ष, गिलानी के करीबी मसर्रत को मिली कुर्सी
अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी की मौत के बाद हुर्रियत के नेताओं ने एक बैठक कर अध्यक्ष पद का एलान कर दिया है।
New Delhi: अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी की मौत के बाद हुर्रियत के नेताओं ने एक बैठक कर नये अध्यक्ष का एलान कर दिया है। बैठक में गिलानी के दाहिने हाथ और उनके सबसे करीबी रहे मसर्रत आलम को अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया है। आजकल के ताजा हालात में संगठन अब कश्मीर में सिर्फ नाम के लिए ही है, इसकी प्रासंगिकता लगभग समाप्त की दहलीज पर है। लेकिन फिर भी ये अपने संगठन को मजबूत बनाने में दिन और रात लगे रहते हैं। इनकी अलग कश्मीर की मांग रहती है। जो कि अब पूरी होना असंभव है, क्योंकि राज्य को विभक्त कर दिया गया है। लेकिन ये लोग फिर भी उम्मीद लगाए बैठे हैं।
अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी की मौत के बाद हुर्रियत कांफ्रेंस ने अपने नए अध्यक्ष के नाम का एलान कर दिया है। हुर्रियत ने अध्यक्ष की कुर्सी पर गिलानी का दाहिना हाथ और सबसे करीबी मसर्रत आलम को बैठाने का निर्णय लिया है। हालांकि मसर्रत आलम अभी जेल में है। हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा कि मोहम्मद अशरफ सेहराई के बाद गिलानी के निधन से ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस को एक अपूरणीय क्षति हुई है। हुर्रियत कांफ्रेंस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के लोग हुर्रियत नेतृत्व की ओर देख रहे हैं और उन्हें बड़ी उम्मीदें हैं।
मसर्रत आलम को हुर्रियत कांफ्रेंस का अगला अध्यक्ष चुना गया है
हालांकि हुर्रियत का ये दावा खुद को बहलाने के लिए ही है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में अब अलगाववाद के दिन लद चुके हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा कि विभिन्न माध्यमों का उपयोग करते हुए कार्यकारी परिषद के सदस्यों से परामर्श किया गया, जिसमें मसर्रत आलम को हुर्रियत कांफ्रेंस का अगला अध्यक्ष चुना गया है। इसके साथ ही शब्बीर अहमद शाह और गुलाम अहमद गुलजार को उपाध्यक्ष चुना गया है। गुलाम अहमद गुलजार अध्यक्ष के दिशानिर्देशों के साथ ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के मामलों को चलाना जारी रखेंगे। मौलवी बशीर अहमद इरफानी महासचिव बने रहेंगे। अन्य सभी समितियां उपाध्यक्ष गुलाम अहमद गुलजार के मार्गदर्शन में कार्य करती रहेंगी। यह व्यवस्था सर्वदलीय हुर्रियत कांफ्रेंस के अनुसार चुनाव होने तक जारी रहेगी।