Jammu & Kashmir: क्या 2022 में जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा?
Jammu & Kashmir: कश्मीर मसले पर केंद्र सरकार की पहल के बाद जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने अपनी मांगों को व्यावहारिक धरातल पर उतारने की योजना बना ली है। अब पार्टी जम्मू-कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर चुनाव मैदान में जाएगी।
Jammu and Kashmir: कश्मीर मसले पर केंद्र सरकार की पहल के बाद जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने अपनी मांगों को व्यावहारिक धरातल पर उतारने की योजना बना ली है। अब पार्टी जम्मू-कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर चुनाव मैदान में जाएगी। साथ ही पार्टी पाकिस्तान से लगे इलाकों में संविधान के अनुच्छेद 317 के तहत विशेष अधिकार देने की मांग भी करेगी। फिलहाल केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता परिसीमन का काम पूरा करने की है।
सीएसडीएस (सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज) के निदेशक संजय कुमार के मुताबिक केंद्र सरकार ने जब जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया था, उस वक्त ही भाजपा ने कहा था कि परिसीमन और चुनाव के बाद हम फिर से इसे राज्य का दर्जा देंगे। संसद में गृहमंत्री अमित शाह बोल भी चुके जैसे ही राज्य में स्थिति सामान्य हो जाएगी। परिसीमन के बाद चुनाव होंगे। फिर से राज्य का दर्जा बहाल कर दिया दिया जाएगा।
मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत करने में तेजी से जुट गई है। राज्य में परिसीमन को लेकर परिसीमन आयोग ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। साल 2011 की जनगणना के आधार पर हो रहे परिसीमन के मार्च 2022 तक खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है। यदि नए सिरे से परिसीमन पूरा हो जाता है तो जम्मू और कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या बराबर हो जाएगी।
गौरतलब हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य में कुल 87 सीटें थीं। लेकिन पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा हासिल हुआ। जिससे चार सीटें लद्दाख के खाते में चली गईं। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में कुल 83 सीटें ही रह गईं। इनमें कश्मीर में 46 और जम्मू में 37 सीटें हैं। अब नए परिसीमन के बाद राज्य में 90 विधानसभा सीटें हो सकती हैं।