Justice BV Nagarathna: जस्टिस बीवी नागरत्ना बन सकती हैं भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश, जानें इनके बारे में सबकुछ
Justice BV Nagarathna: भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीवी नागरत्ना को बनाया जा सकता है।
Justice BV Nagarathna: भारत देश के महिलाएं कई अहम पदों पर विराजमान हो चुकीं हैं, विदेशों में भी भारतीय महिलाओं ने कई परचम लहराए हैं। लेकिन अभी भी भारत के आजाद होने के 75 साल बाद भी भारत के मुख्य न्यायाधीश(Chief Justice of India) की कुर्सी महिलाओं से अछूती है। ऐसे में बड़ी खबर ये आ रही है कि 2027 में भारत को देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश(Chief Justice of India) मिल सकती है।
साल 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीवी नागरत्ना को बनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए 9 नाम भेजे गए हैं। इन नामों में तीन नाम महिलाओं के हैं, जिन्हें अब सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है।
मुख्य न्यायाधीश के नामों की सूची में जस्टिस बीवी नागरत्ना का नाम भी दिया गया है। इस बारे में कहा जा रहा है कि साल 2027 में एक महीने के लिए वे इस पद को संभाल सकती हैं।
जस्टिस बीवी नागरत्ना को फरवरी 2008 में कर्नाटक हाई कोर्ट की एडिशनल जज और फिर फरवरी 2010 में परमानेंट जस्टिस के तौर पर नियुक्त किया गया था.
जस्टिस बीवी नागरत्ना बायोग्राफी (Justice BV Nagarathna Biography)
जस्टिस बीवी नागरत्ना वर्तमान समय में कर्नाटक हाई कोर्ट में जज हैं। बीवी नागरत्ना को सन् 2008 में कर्नाटक हाई कोर्ट में एडिशन जज के पद पर आई थीं। फिर इसके दो साल बाद उन्हें स्थायी जज बना दिया गया था।
इन वर्षों के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सन् 2012 की बात है जब केंद्र को ब्रॉडकास्ट मीडिया को रेगुलेट करने के निर्देश दिए गए थे, उस समय हाई कोर्ट की उस बेंच का हिस्सा जस्टिस नागरत्ना भी थीं। इस मामले में सन् 2019 में उनकी बेंच की तरफ से बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा गया था कि मंदिर "व्यावसायिक प्रतिष्ठान" नहीं हैं और उसके कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार भी नहीं।
इन मुद्दों की वजह से रही चर्चा में
सन् 2020 में तलाक के एक मामले में भी महिला सशक्तिकरण पर जस्टिस बीवी नागरत्ना ने एक टिप्पणी की थी, जिसकी वजह से वह खूब सुर्खियों में रही। तलाक मामले में उन्होंने कहा था कि लोग हमेशा महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन समाज को नहीं पता कि सशक्त महिलाओं संग कैसा व्यवहार करना चाहिए। माता-पिता भी अपने बेटों को नहीं सिखाते कि एक सशक्त महिला के साथ कैसा बर्ताव रखना चाहिए। लड़कों के साथ यही सबसे बड़ी समस्या है।
सन् 2009 में जब जस्टिस बीवी नागरत्ना को हाई कोर्ट के दो अन्य न्यायधीशों के साथ एक कमरे में बंद कर दिया गया था। इस दौरान विरोध कर रहे कुछ वकीलों ने ये हैरान कर देने वाला कदम उठाया था।
उस समय इस घटना पर जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा था कि वे नाराज नहीं हैं, लेकिन दुख जरूर है कि उनके साथ ऐसा किया गया।
जस्टिस बीवी नागरत्ना कैरियर (Justice B.V.Nagarathna Education)
जस्टिस बीवी नागरत्ना के शिक्षा-दीक्षा और कैरियर की बात करें तो उन्होंने वकील के पेशे में सन् 1987 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उस समय उनकी ओर से संवैधानिक और वाणिज्यिक कानूनों के विषय पर प्रैक्टिस शुरू की गई थी।
बीवी नागरत्ना में पूरे 23 साल तक वकालत की थी और उसके बाद जज के तौर पर भूमिका संभाली। ऐसे में अब कहा जा रहा है कि साल 2027 में वे देश की पहली महिला मुख्य न्यायधीश बन सकती हैं।
जानकारी देते हुए बता दें कि हाई कोर्ट न्यायधीशों की सिनियोरिटी के मामले में अभी वे 33वें स्थान पर हैं। यदि भारत सरकार द्वारा उनके नाम पर मुहर लगा दी जाती है, तो 23 सितंबर 2027 से 29 अक्टूबर 2027 तक वो पद संभाल सकती हैं।
जस्टिस बीवी नागरत्ना उम्र (Justice B.V.Nagarathna Age)
बीवी नागरत्ना का जन्म 30-10-1962 को हुआ था। इस साल वे 59वां जन्मदिवस मनाएंगी।
जस्टिस बीवी नागरत्ना के पिता ( Justice B.V.Nagarathna Father)
बीवी नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ई.एस. वेंकटरमैया की बेटी हैं। इनके पिता भारत के 19वें मुख्य न्यायाधीश थे।