असमः एक हजार उग्रवादी करेंगे सरेंडर, 5 विद्रोही समूहों ने केंद्र सरकार के साथ कार्बी आंगलांग समझौते पर किये हस्ताक्षर

केंद्र के साथ पूर्वोत्तर राज्य के 5 विद्रोही समूहों ने आज ऐतिहासिक कार्बी आंगलांग समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

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Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-09-04 14:21 GMT

कार्बी आंगलोंग समझौते के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व अन्य (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: असम में शांति बहाली की दिशा में केंद्र सरकार आज बड़ी सफलता मिली है। केंद्र के साथ पूर्वोत्तर राज्य के 5 विद्रोही समूहों ने आज ऐतिहासिक कार्बी आंगलांग समझौते पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता केंद्र और असम सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। इससे यहां शांति स्थापित होने के साथ ही विकास भी होगा। इस समझौते के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा भी मौजूद थे। गृह मंत्रालय के दिल्ली स्थिति नॉर्थ ब्लाक कार्यालय में यह समझौता किया गया। इस समझौते के होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि मैं सभी जनप्रतिनिधियों को भरोसा दिलाता हूं कि 5 संगठन और असम सीएम समझौते के सभी शर्तों को समय रहते ही पूरा कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इन समझौतों के पूरा होने से क्षेत्र में लंबे समय तक शांति स्थापित होगी। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि यह समझौता काफी महत्वपूर्ण है, इससे करीब 1,000 उग्रवादी आत्मसमर्पण करेंगे। बड़ी संख्या में हथियार भी सरेंडर करेंगे, इससे यहां फिर से शांति बहाल होगी। यह सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसी क्रम में अमित शाह ने कहा कि यहां सरकार विकास कार्यों के लिए एक हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। उन्होंने इस समझौते को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की नीति है कि हम लोग जिस समझौते को करते है उसकी सभी शर्तों को समय रहते ही पूरा भी करते हैं।

उन्होंने अपनी सरकार के इस रिकॉर्ड को दोहराते हुए कहा कि बोडोलैंड समझौता, ब्रू समझौता, त्रिपुरा के एनएलएफटी का समझौता सबके 80 फीसदी शर्तों को पूरा किया जा चुका है। बता दें कि कार्बी असम का एक प्रमुख जातीय समूह है। जो कई गुटों और टुकड़ों में बंटा हुआ है। इसका इतिहास 1980 के दशक से हत्याओं, अपहरण, जातीय हिंसा और कराधान से जुड़ा रहा है।

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