अब मदरसे पर बवाल: बीजेपी विधायक के बयान ने मचाई सियासी सनसनी, सुने क्या बोले

Madrasa Ban in India: कर्नाटक के देवनागरे जिले की होन्नाली सीट से बीजेपी विधायक एम. पी रेणुकाचार्य़ ने मदरसों को लेकर ऐसा बयान दिया है कि जिससे राज्य में एक नया सियासी बखेड़ा खड़ा हो सकता है।

Published By :  Praveen Singh
Update:2022-03-26 21:54 IST

Karnataka BJP MLA MP Renukacharya 

Madrasa Ban in India: बेंगलुरू. दक्षिण भारत में बीजेपी का एकमात्र किला कर्नाटक लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। आईटी हब के रूप में देश के साथ – साथ दुनिया में विख्यात इस राज्य में इन दिनों एक के बाद एक नये विवाद का जन्म हो रहा है। कर्नाटक के स्कूल – कॉलेजों में हिजाब का मुद्दा अभी ठीक से शांत भी नहीं हुआ था कि अब मदरसे को लेकर नया बवाल खड़ा हो गया है। सत्ताधारी बीजेपी के विधायक रेणुकाचार्य ने राज्य में कार्यरत मदरसों को प्रतिबंधित करने की मांग सरकार से की है।

मदरसा में होती है राष्ट्र विरोधी पढ़ाई

कर्नाटक के देवनागरे जिले की होन्नाली सीट से बीजेपी विधायक एम. पी रेणुकाचार्य़ (Karnataka BJP MLA MP Renukacharya) ने मदरसों को लेकर ऐसा बयान दिया है कि जिससे राज्य में एक नया सियासी बखेड़ा खड़ा हो सकता है। रेणुकाचार्य़ ने मदरसों में देश विरोधी शिक्षा देने का आरोप लगाते हुए इसे बैन करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और शिक्षा मंत्री बीसी नागेश से मांग की है कि राज्य में सभी मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाए। भाजपा विधायक ने कहा कि क्या ऐसे स्कूल नहीं हैं जहां सभी धर्म के छात्र पढ़ रहे हैं? मदरसा राष्ट्र विरोधी पाठ पढ़ाते हैं, इसलिए इन्हें बैन करना चाहिए।

कांग्रेस पर साधा निशाना

कर्नाटक में बीजेपी के फायरब्रांड नेता माने जाने वाले रेणुकाचार्य ने हिजाब मसले पर कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा बंद बुलाए जाने की निंदा करते हुए उन्हें राष्ट्र विरोधी संगठन करार दिया है। भाजपा विधायक ने ऐसे संगठऩों को चेतावनी देते हुए कहा कि ये कोई पाकिस्तान, बांग्लादेश या कोई इस्लामिक देश नहीं है। इसे हम बर्दाशत नहीं करेंगे। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी संगठनों द्वारा कर्नाटक बंद का कांग्रेस नेताओं ने समर्थन किया है।

दक्षिण भारत में एकमात्र बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक में अगले साल यानि 2023 के मध्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन सत्ताधारी बीजेपी अभी से राज्य में हिंदूत्व की पिच तैयारी करने में जुट गई है। हिजाब मसले के बाद अब मदरसे के मुद्दे को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। इसके अलावा पड़ोसी तेलंगाना में भी अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं। जहां पार्टी के लिए पर्य़ाप्त संभावनाएं मौजूद है। कर्नाटक के बाद बीजेपी को तेलंगाना दक्षिण भारत में सबसे उर्वर सियासी जमीन दिख रही है। यही वजह है कि उत्तर भारत में ध्रुवीकरण की राजनीति में माहिर खिलाड़ी भाजपा अब दक्षिण भारत में इस सियासी हथियार को धार देने में जुट गई है।

दरअसल लंबे समय से दक्षिण भारत में पैर पसारने के कवायद में जुटी बीजेपी के लिए कर्नाटक जैसे अहम राज्य में सत्ता पर काबिज होना जरूरी है। साउथ में इसे बीजेपी का गेटवे माना जाता है। लिहाजा पार्टी इसे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती। 

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