Karnataka Hijab Controversy: हिजाब विवाद पर मद्रास हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, पूछा- राष्ट्र और धर्म में कौन सर्वोपरि?
Karnataka Hijab Controversy: हिजाब विवाद को लेकर मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने कहा कि कुछ ताकतों ने ड्रेस कोड को लेकर विवाद उत्पन्न किया है। जो अब पूरे देश में फैल रहा है।
Karnataka Hijab Controversy: कर्नाटक (Karnataka) में शुरू हुए हिजाब को लेकर विवाद की आंच उसकी सीमा से बाहर निकल चुका है। देश के कई हिस्सों में इसे लेकर विरोध – प्रदर्शन हो रहा है। इसके अलावा समाज में भी हिजाब (Hijab Controversy) को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। एक तबका जहां इसे धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा बताकर इसका समर्थन कर रहा है।
वहीं दूसरा तबका शिक्षण संस्थानों में किसी भी तरह के धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल को गलत ठहराते हुए इसका विरोध कर रहा है। मामले की सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट में जारी है। इस बीच मद्रास हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद को लेकर सख्त टिप्पणी की है, जिसकी खुब चर्चा हो रही है।
मद्रास हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी
मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) में कुछ जनहित याचिकाओं की सुनवाई करने के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी (Acting Chief Justice MN Bhandari) औऱ न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती (Justice D Bharat Chakraborty) की पीठ ने कहा कि कुछ ताकतों ने ड्रेस कोड को लेकर विवाद उत्पन्न किया है। जो अब पूरे देश में फैल रहा है। यह स्तब्ध कर देने वाला मामला है। कोई हिजाब के पक्ष में हिजाब के पक्ष में है, कोई टीपी के पक्ष में है, तो कोई अन्य चीजों के पक्ष में है।
उच्च न्यायालय ने हैरानी जताते हुए सवाल पूछा कि क्या सर्वोपरि है, धर्म या राष्ट्र? न्यायमूर्ति भंडारी (Acting Chief Justice MN Bhandari) ने भारत को एक सेकूलर राष्ट्र बताते हुए कहा कि मौजूदा विवाद से कुछ नहीं मिलने जा रहा, लेकिन देश को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश जरूर हो रही है।
हिजाब विवाद पर राजनीति
इस मसले पर राजनीति भी खुब हो रही है। तमाम संगठन अपने सियासी हितों को देखते हुए इस पर स्टैंड ले रहे हैं। दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे वामपंथी छात्र संगठन आईसा के छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया। ये लोग कर्नाटक भवन का घेराव करने जा रहे थे। इसके अलावा ये मुद्दा यूपी चुनाव में भी उठाया जा रहा है। प्रियंका गांधी औऱ औवेसी लगातार इस मसले पर बयानों और ट्विट के जरिए बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। वहीं बीजेपी इसके पीछे कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई के छात्र विंग सीएफआई यानि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया को जिम्मेदार ठहरा रही है। बीते दिनों लोकसभा में भी केरल से कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन ने इस मुद्दे को उठाया था।
बता दें कि मामले की सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) में चल रही है। उच्च न्यायालय ने आज बड़ा फैसला लेते हुए स्कूल कॉलेजों में धार्मिक कपड़ों के पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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