Kartarpur Corridor : अब आप भी जा सकते हैं करतारपुर कॉरिडोर से गुरुद्वारा दरबार साहिब

Kartarpur Corridor : करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है और ये गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था। यहीं पर उन्होंने अपनी अंतिम सांसें ली थीं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-11-16 11:58 GMT

करतारपुर कॉरिडोर (फोटो- सोशल मीडिया)

Kartarpur Corridor : पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले करतारपुर कॉरिडोर खोलने का फैसला केंद्र की सरकार ने लिया है। 17 नवंबर से करतापुर कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। 19 नवंबर को गुरुनानक देव की जयंती पर गुरु पर्व मनाया जाना है। करतारपुर कॉरिडोर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल रहे गुरुद्वारा दरबार साहिब (पाकिस्तान) को गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ता है।

कोरोना महामारी की वजह से मार्च 2020 में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए यात्रा को बंद कर दिया गया था। तबसे कई बार कॉरिडोर खोले जाने की मांग होती रही है।

करतारपुर कॉरिडोर कहां है?
Kartarpur Corridor Kahan Hai

करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है और ये गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था। यहीं पर उन्होंने अपनी अंतिम सांसें ली थीं। ये स्थान (kartarpur corridor kahan hai) पाकिस्तान में भारत की सीमा से लगभग 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर है।

फोटो- सोशल मीडिया

जब तक ये कॉरिडोर नहीं बना था तब तक श्रद्धालु भारत से दूरबीन की मदद से दर्शन करते थे। सिखों की मांग और भारत और पाकिस्तान की सरकारों की सहमति से करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाया गया। करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में किया था।

कैसे जाएं
Kartarpur Corridor Kaise Jaye

करतारपुर कॉरिडोर यात्रा (kartarpur corridor yatra) के लिए वैध पासपोर्ट होना चाहिए। यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसकी फीस पहले 20 डॉलर थी लेकिन नई फीस के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। श्रद्धालुओं को सिर्फ गुरुद्वारा परिसर में ही जाने की इजाजत है, उसके बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

राजनीतिक पहलू

करतारपुर कॉरिडोर खोलकर भाजपा ने पंजाब में सिखों को साधने की कोशिश की है। पंजाब में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में इस फैसले के जरिए भाजपा खुद को सिखों की हितैषी साबित करना चाहती है। खासकर इसलिए भी कि अकाली दल ने भाजपा से गठजोड़ तोड़ लिया है। वहीं केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की वजह से भी पंजाब में भाजपा के खिलाफ सिख समुदाय नाराज चल रहा है।

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि गुरु पर्व पर वह भी पाकिस्तान जाने के लिए आवेदन करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने नई मांग रख दी कि डेरा बाबा नानक में दर्शनीय स्थल को संवारा जाए।

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