Muslim Student : मुस्लिम छात्रों के लिए केंद्रीय विद्यालय की ड्रेस में 2012 में शामिल हुआ था स्कार्फ़

Muslim Student : मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 4 जुलाई 2012 को देश भर के केंद्रीय विद्यालयों में नई ड्रेस को अपनाने की घोषणा की थी।

Report :  Neel Mani Lal
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-02-15 19:00 IST

Kendriya vidyalaya (Social Media)

Muslim Student :  देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में 2012 में यूनिफार्म में बदलाव किया गया था। सन 1963 में केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के बाद ड्रेस कोड में ये पहली बार बदलाव हुआ था। इस बदलाव के तहत मुस्लिम छात्रों के लिए स्कार्फ को अनुमति दी गयी थी। देश भर के 1,248 केंद्रीय विद्यालयों में 14.35 लाख छात्र - 6.55 लाख लड़कियां और 7.79 लाख लड़के - नामांकित हैं। हालाँकि नए आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं लेकिन 2015 में केंद्रीय विद्यालयों में नामांकित 12.09 लाख छात्रों में से 56,719 मुस्लिम थे, जिनमें 23,621 लड़कियां शामिल थीं।

केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों के लिए ड्रेस कोड में बदलाव 

दरअसल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 4 जुलाई 2012 को देश भर के केंद्रीय विद्यालयों में नई ड्रेस को अपनाने की घोषणा की थी। केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों के लिए ड्रेस कोड में बदलाव 1963 में इसकी स्थापना के बाद पहली बार हुआ था जिसके तहत स्कार्फ और पगड़ी के लिए नए पैटर्न लाये गए। 18 मई 2012 को अपनी 92वीं बैठक में केवीएस बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा अनुमोदित परिवर्तनों में मुस्लिम लड़कियों के लिए लाल हेमिंग (किनारे) वाला दुपट्टा शामिल किया गया था।

केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने मदद की 

प्रेस सूचना ब्यूरो के माध्यम से जारी एक बयान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा था कि नई डिजाइन बनाते समय छात्रों की एक विशिष्ट पहचान, आराम और लागत कारकों को ध्यान में रखा गया है। साथ ही यूनिफार्म को समकालीन करने का प्रयास किया गया है। इस नई ड्रेस को डिजाईन करने में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) और केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने मदद की थी।

जो नई ड्रेस कोड लाई गयी थी उसमें लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए चेक डिजाईन पेश की गयी। कक्षा 9 से 12 की लड़कियों के लिए सलवार को चरणबद्ध रूप से समाप्त करते हुए पतलून को इंट्रोड्यूस किया गया। 

सरकार की भूमिका नहीं 

नई ड्रेस कोड के बारे में 8 अगस्त 2012 को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा था कि केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों के लिए यूनिफार्म बनाने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। यह काम केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा स्वयं किया जाता है जो एक स्वायत्त निकाय है। मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि केवीएस ने जानकारी दी है कि उन्होंने अपने छात्रों के लिए एक नई यूनिफार्म पेश की है ताकि एक अलग पहचान दी जा सके। 1963 के बाद पहली बार ड्रेस कोड में बदलाव किया गया है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है। पहले शिक्षा मंत्रालय को मानव संसाधन मंत्रालय नाम से जाना जाता था।

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