Kingfisher House sold : 52 करोड़ में बिका किंगफिशर हाउस
विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर हाउस 52 करोड़ में बिका...
लाख कोशिशों के बाद आखिरकार किंगफिशर हाउस बिक ही गया। कभी ये विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर का हेडक्वार्टर हुआ करता था। इसकी बोली 52 करोड़ रुपये लगी है, जिसे एक प्राइवेट डेवलपर सैटर्न रिएल्टर्स ने खरीदा है। बिक्री भाव अपने रिजर्व प्राइस 135 करोड़ रुपए का लगभग एक तिहाई है। इससे पहले 8 बार इसे बेचने की कोशिश नाकाम हो गई थी।
1,586 वर्ग मीटर है प्रॉपर्टी का एरिया
बिल्डिंग में बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर, एक अपर ग्राउंड फ्लोर और एक अपर फ्लोर है। इस प्रॉपर्टी का एरिया 1,586 वर्ग मीटर है, जबकि प्लॉट 2,402 वर्ग मीटर का है। किंगफिशर एयरलाइंस पर करीब भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम का 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है। मालूम हो कि इससे पहले शेयरों की नीलामी से कर्जदाता 7,250 करोड़ रुपये वसूल चुके हैं।
मार्च 2016 में पहली बार हुई थी प्रॉपर्टी की नीलामी, जो फेल रही
किंगफिशर हाउस को बेचने के कई प्रयासों के बाद भी कर्जदाताओं को खरीदार नहीं मिल पाने के बाद ऐसा हुआ है। इसे पहले प्रॉपर्टी की नीलामी 8 बार फेल हो चुकी थी। कर्जदाताओं में सरकारी बैंकों समेत वित्तीय संस्थान भी शामिल हैं। किंगफिशर हाउस की नीलामी पहली बार मार्च 2016 में हुई थी। इसमें प्रॉपर्टी की कीमत 150 करोड़ रुपए रिजर्व रखी गई थी। लेकिन प्रॉपर्टी की नीलामी फेल हो गई।
किंगफिशर एयरलाइंस 2012 से बंद
किंगफिशर हाउस की लोकेशन मुंबई एयरपोर्ट के नजदीक विले पार्ले है। रियल्टी एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस प्रॉपर्टी को डेवलप करने का फिलहाल कोई स्कोप नहीं है, क्योंकि यह मुंबई एयरपोर्ट के बाहरी इलाके में स्थित है। बताते चलें कि विजय माल्या की एयरलाइन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस 2012 से बंद है। माल्या को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया गया है।
डिफाल्टर हो चुका है माल्या
विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस की सेवाएं जारी रखने के लिए भारतीय स्टेट बैंक समेत दूसरे बैंकों से करीब 9,990 रुपये का कर्ज लिया था। कंपनी की हालत खराब होने की वजह से माल्या बैंकों का पैसा नहीं चुका सका। 2012 में माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस बंद हो चुकी है। इसी साल जुलाई में लंदन हाईकोर्ट ने विजय माल्या को दिवालिया घोषित किया है और अब माल्या को भारत वापस लाने का रास्ता साफ होता दिख रहा है।