BJP की अहम बैठक में नहीं पहुंचे कई दिग्गज नेता, पश्चिम बंगाल में सियासी माहौल गरमाया

मीटिंग में मुकुल रॉय, शमिक भट्टाचार्य और राजीव बनर्जी जैसे दिग्गज नेता के बैठक में शामिल न होने से अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया है। बंगाल में इस समय कई नेता तृणमूल कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने पर खेद जता रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-06-09 11:41 IST

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई की ओर से बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक में कई दिग्गजों के न पहुंचने के बाद सियासी अटकलों का बाजार गरमा गया है। इस बैठक में सभी नेताओं की उपस्थिति जरूरी बताई गई थी मगर इसके बावजूद मुकुल रॉय, राजीव बनर्जी और शमिक भट्टाचार्य समेत कई दिग्गज हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत के बाद कई ऐसे नेताओं की टीएमसी में वापसी की चर्चाएं काफी तेज हैं।जिन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। ऐसे में भाजपा के कई नेताओं की बैठक में नामौजूदगी को अलग नजरिए से देखा जा रहा है। हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने सफाई पेश करते हुए कहा है कि कई नेताओं का बैठक में हिस्सा न लेना कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है।


कई नेताओं ने साधा ममता से संपर्क

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस की विजय के बाद ही कई ऐसे नेताओं का मन डोलने लगा था जिन्होंने टीएमसी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है। ऐसे कई नेताओं ने क्षमायाचना करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भी लिखा है और उनसे पार्टी में पुनः वापस लेने का अनुरोध किया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी हाल में संकेत किया था कि भाजपा में शामिल होने वाले टीएमसी के कई पूर्व नेताओं ने फिर पार्टी में शामिल होने के लिए संपर्क साधा है। ऐसे में भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक में कई दिग्गजों की नामौजूदगी के बाद राज्य में सियासी अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं।


दिलीप घोष ने पेश की सफाई

इन अटकलों पर विराम लगाने के लिए ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बैठक के बाद सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉर बैठक में इसलिए हिस्सा नहीं ले सके क्योंकि उनकी पत्नी की तबीयत इन दिनों खराब चल रही है। उन्होंने शमिक भट्टाचार्य के बैठक में भाग न लेने का कारण उनके पिता के निधन को बताया। घोष ने कहा कि राजीव बनर्जी निजी कारणों से बैठक में हिस्सा नहीं ले सके। बनर्जी ने चुनाव से तुरंत पहले मंत्री पद छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी और पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। बनर्जी का एक बयान भी चर्चा में बना हुआ है। उनका कहना है कि भारी बहुमत से चुनी गई सरकार को दिल्ली और राष्ट्रपति शासन की धमकियां देने को लोग पसंद नहीं करेंगे।


मुकुल रॉय और बेटे को लेकर अटकलें

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से भले ही सफाई दी जा रही हो मगर सच्चाई यह है कि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई में इस समय सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु राय ने हाल में फेसबुक पोस्ट के जरिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया था। उन्होंने बहुमत की सरकार के खिलाफ कदम उठाए जाने की चर्चाओं पर भी असहमति जताई थी। मुकुल रॉय और उनके बेटे दोनों ने इस बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई थी जिसमें मुकुल तो जीतने में कामयाब रहे मगर उनके बेटे को पराजय झेलनी पड़ी।

मुकुल रॉय टीएमसी के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं मगर उन्होंने 2017 में टीएमसी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने हाल में अस्पताल जाकर मुकुल की बीमार पत्नी का हालचाल लिया था। हालांकि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर बातचीत कर मुकुल रॉय से उनकी पत्नी का हालचाल पूछा है मगर मुकुल रॉय को लेकर सियासी अटकलों का बाजार अभी भी गरम बना हुआ है।


टीएमसी छोड़ने वालों को सता रहा है डर

सियासी जानकारों का कहना है कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की भारी जीत से उन नेताओं को करारा झटका लगा है जिन्होंने भाजपा कीजीत की उम्मीद के कारण तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। ऐसे नेताओं को अब लग रहा है कि पूरे पांच साल तक विपक्ष में रहकर ममता बनर्जी केि खलाफ संघर्ष का झंडा बुलंद बनाए रखना आसान काम नहीं है। उन्हें इस बात का भी पूरा अंदाजा है कि ममता बनर्जी अपने विरोधियों से कितने सख्त अंदाज में निपटती हैं। यही कारण है कि अब तृणमूल छोड़ने वाले कई नेता टीएमसी में वापसी की संभावनाएं तलाशने की कोशिश में जुटे हुए हैं।


भाजपा ने अटकलों को किया खारिज

दूसरी ओर भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने ऐसी संभावनाओं को खारिज करते हुए अभिषेक बनर्जी के बयान को बचकाना करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की बंगाल इकाई की बैठक आने वाले दिनों में पार्टी का एजेंडा तय करने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि इन घटनाओं के हमलावरों को राज्य सरकार का प्रश्रय हासिल है। उन्होंने कहा कि हिंसा के कारण अपना घर छोड़ने वाले कार्यकर्ताओं और उन्हें मुआवजा दिलाने के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा की गई। उन्होंने पार्टी नेताओं के इस्तीफे की आशंकाओं को पूरी तरह निर्मूल और बेबुनियाद बताया।

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