नेता करते हैं EVM हैक होने का दावा, लेकिन क्या है सच्चाई, यहां समझें कैसे काम करती है मशीन

Kya Hoti Hai EVM: ईवीएम यह एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन होती है, जिसे चुनावों में वोटिंग और मतगणना के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान समय में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में EVM का ही उपयोग होता है।

Written By :  Shreya
Newstrack :  Network
Update:2021-09-18 15:36 IST

EVM मशीन (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Kya Hoti Hai EVM: अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा होने वाले हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। चुनाव के समय कुछ चीजें काफी आम होती हैं, जैसे कि चुनावी पार्टियों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप, चुनावी जंग को जीतने के लिए पार्टियों की रैलियां और इस दौरान तमाम तरह के वादे। लेकिन चुनाव को जीतने के बाद एक और ऐसी चीज है जो कि काफी ज्यादा कॉमन है... क्या आपको समझ आया... तो चलिए हम ही आपको बताते हैं और वो है EVM में गड़बड़ी का आरोप। 

आपने देखा होगा कि जब भी कोई पार्टी चुनाव जीतती है, चाहे वो विधानसभा हो या फिर लोकसभा, तो विपक्ष की तरफ से EVM हैक होने का आरोप लगाया जाना शुरू हो जाता है। लेकिन क्या सच में ईवीएम मशीन हैक हो सकती है (Kya Hack ho Sakti Hai EVM)? जिस मशीन का इस्तेमाल चुनावी प्रक्रिया सफल कराने के लिए किया जाता है, उसमें क्या गड़बड़ी करके चुनाव को अपने पक्ष में किया जा सकता है?

अगर आप भी इन सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको EVM के बारे में सभी जानकारी देने जा रहे हैं। ईवीएम मशीन क्या है (EVM Machine Kya Hai), ईवीएम का फुल फॉर्म क्या होता है (EVM Full Form in Hindi), ईवीएम मशीन कहां बनती है (EVM Machine Kaha Banti Hai), ईवीएम कैसे काम करती है (EVM Kaise Kam Karti Hai), ईवीएम का इस्तेमाल कब शुरू हुआ (EVM Machine Ka Istemal Kab Shuru Hua) और क्या ईवीएम को हैक किया जा सकता है (Kya EVM Ko Hack Kiya Ja Sakta Hai)? तो चलिए जानते हैं इन सवालों के जवाब-

ईवीएम (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

ईवीएम मशीन क्या है (EVM Machine Kya Hai)? 

सबसे पहले जानते हैं कि आखिर ईवीएम मशीन क्या होती है। EVM यह एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine) होती है, जिसे चुनावों में वोटिंग और मतगणना के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान समय में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में EVM का ही उपयोग होता है। चुनावों में ईवीएम मशीन का इस्तेमाल किए जाने से न केवल वोटिंग प्रक्रिया तेज और आसान हुई है, बल्कि चुनाव परिणाम भी जल्दी आ जाते हैं।

EVM मशीन कहां बनती है (EVM Machine Kaha Banti Hai)  

EVM को भारत की दो सरकारी कंपनियों भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL), इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Electronics Corporation of India) के सहयोग और निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के द्वारा तैयार किया गया है। 

ईवीएम कैसे काम करती है (EVM Kaise Kam Karti Hai)? 

तो अब सवाल है कि आखिर यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन काम कैसे करती है। EVM में दो डिवाइस होते हैं एक कंट्रोल यूनिट और एक बैलट यूनिट, इन दोनों डिवाइस को एक 5 मीटर की केबल के माध्यम से जोड़ा जाता है। इसे चलाने के लिए बैटरी का इस्तेमाल होता है। इस मशीन में कंट्रोल यूनिट द्वारा बैलटिंग यूनिट को कंट्रोल किया जाता है। इसकी कंट्रोल यूनिट मतदाता अधिकारी के पास होती है, जबकि बैलेट यूनिट मतदाता यानी वोटर्स को दी जाती है। 

इसे ऐसे समझिए कि जब तक अधिकारी कंट्रोल यूनिट बटन नहीं दबाएगा तब तक कोई भी मतदाता वोट नहीं कर सकेगा। एक वोटर केवल एक ही बार वोट डाल सकेगा। क्योंकि जैसे ही वो मतदान करने के लिए बटन प्रेस करता है इसके तुरंत बाद ही मशीन लॉक हो जाती है, ताकि एक वोटर द्वारा एक से अधिक वोट न डाला जा सके। इसके बाद मशीन नए बैलट नंबर से ही खुलती है। 

(फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

ईवीएम का इस्तेमाल कब शुरू हुआ (Bharat Mein EVM Machine Ka Istemal Kab Shuru Hua)  

भारत में ईवीएम का इस्तेमाल बहुत ज्यादा पुराना नहीं रहा है। देश में सबसे पहले ईवीएम मशीन का इस्तेमाल 1982 में केरल के 70-पारुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद 1999 में पहली बार पूरे राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान गोवा में यूज हुआ। फिर 2003 में देशभर में उपचुनाव कराए गए, उस दौरान भी इस मशीन को उपयोग में लाया गया, जबकि 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद से देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव में ईवीएम का ही इस्तेमाल किया जाता है।  

ईवीएम मशीन की कीमत (EVM Ki Kimat)  

अब जो मशीन वोटिग में इतना महत्वपूर्ण रोल निभाती है, इसकी कीमत कितनी होगी। अगर आप इसकी कीमत लाखों तक सोच रहे हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। शुरुआती कीमत यानी जब सबसे पहले इस मशीन को खरीदा गया था तब की बात करें तो 1989-90 के दौरान इस मशीन की कीमत 5,500 रुपए पड़ी थी। जबकि साल 2019 के चुनाव में जब इस मशीन का ऑर्डर दिया गया तो यह करीब 14 हजार रुपये के करीब था। इसमें एक कंट्रोल यूनिट, एक बैलेटिंग यूनिट और बैटरी की कीमत शामिल है। 

क्या हैक हो सकती है ईवीएम (Kya Hack Ho Sakti Hai EVM) 

बता दें कि भारत के अलावा भी कई अन्य देशों में चुनावी प्रक्रिया के लिए ईवीएम मशीन का उपयोग किया जाता है। लेकिन भारत में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम अलग होती है, क्योंकि विदेशी ईवीएम ऑनलाइन कनेक्ट होती हैं, जबकि देश में इस्तेमाल होने वाले EVM ऑफलाइन चलती हैं। चूंकि भारत में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम नेटवर्क से कनेक्ट नहीं होती है इसलिए इसके साथ किसी तरह का स्कैम होने का भी खतरा कम होता है।

कई एक्सपर्ट्स भी ईवीएम के हैक होने की संभावनाओं को खारिज कर चुके हैं। क्योंकि EVM मशीन माइक्रोचिप बनाने वाली कंपनियों को देने से पहले इसमें जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम डाला जाता है, उसकी एक्सपर्ट की निगरानी में जांच होती है। ऐसे में हैक होने की संभावना बेहद कम है। इसके अलावा अब मशीन को वीवीपैट से जोड़ा जाने लगा है, जिससे वोटर इस बात की जानकारी ले सकते हैं कि उन्होंने अपना वोट कहां डाला है।   

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