बारिश से सावधान! बढ़ रहा वज्रपात का कहर, आसमानी बिजली से कैसे करें बचाव
Lightning Safety Tips : हर साल मानसून (Monsoon) के सीज़न में भारत में बिजली गिरना सामान्य घटना है, लेकिन कुछ वर्षों में ये आफत कुछ ज्यादा ही रहती है।
Lightning Safety Tips : जयपुर के आमेर फोर्ट में बरसात के दौरान सेल्फी ले रहे लोगों पर आकाशीय बिजली गिरने (Lightning in Jaipur) से 11 की मौत ने आकाशीय बिजली के कहर को फिर सामने ला दिया है। देश में,खासकर यूपी और बिहार में, हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से होती है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में देश में 2,300 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने के कारण हुई थी। ऐसी घटनाएं साल दर साल बढ़ती जा रही हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि इसका कारण जलवायु परिवर्तन है।जलवायु परिवर्तन से बढ़ते तापमान के कारण आकाशीय बिजली गिरने (Thunder Strike) की घटनाएं अधिक हो रही हैं।
हर साल मानसून (Monsoon) के सीज़न में भारत में बिजली गिरना सामान्य घटना है, लेकिन कुछ वर्षों में ये आफत कुछ ज्यादा ही रहती है। पिछले साल ही बिहार में आसमानी आफत के कारण मौतों की संख्या ने रिकॉर्ड बना दिया था। भारत में बिजली गिरने (Asmani Bijli) से हर साल जान के साथ-साथ संपत्ति का भी नुकसान होता आया है। हर साल जून से लेकर सितंबर के महीने में देश के अलग-अलग राज्यों से बिजली गिरने (Lightning Strike) और उससे होने वाले नुकसान की खबरें आती हैं।
कृषि मौसम विज्ञानी बताते हैं कि बिजली और गरज का कारण वायुमंडल में बड़े पैमाने पर अस्थिरता, तापमान में वृद्धि और अत्यधिक नमी है।
तापमान और बिजली
आकाशीय बिजली क्यों गिरती है (Bijli Kyu Girti Hai)- वातावरण का तापमान बढ़ने और हयूमीडिटी कुछ खास क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने के संभावित कारणों में शामिल हैं। अमेरिकन असोसियेशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस ने 2014 में एक स्टडी में बताया था कि तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि आकाशीय बिजली गिरने की फ्रीक्व्न्सी को 13 फीसदी बढ़ा देती है। होता ये है कि गर्म वातावरण में नमी ज्यादा होती है। जब नमी ज्यादा होती है तो तीव्र तूफान की स्थिति बन जाती है। ऊंचे तापमान बादलों को शक्तिशाली तूफान बनाने की ज्यादा ऊर्जा प्रदान करते हैं। ज्यादा ताकतवर तूफान से अधिकाधिक आकाशीय बिजली गिरती है।
आसमानी बिजली से कैसे करें बचाव (How To Survive Thunderstorms)
आकाशीय बिजली से ज़्यादातर मौतें खेतों में काम कर रहे किसानों की हुईं हैं। सरकार बिजली गिरने की चेतावनी जारी तो करती है लेकिन किसानों के पास चेतावनी हासिल करने के साधन ही नहीं होते। ओड़ीशा ने चेतावनी का बढ़िया सिस्टम डेवलोप करके आकाशीय बिजली से होने वाली मौतों की संख्या में उल्लेखनीय कमी की है। 2017-18 में जहां 465 मौतें हुईं थीं वहीं 2018-19 में 320 मौतें हुईं। ओड़ीशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य में 6 आकाशीय बिजली सेंसर लगाए हैं।
जंगलों का खात्मा
आकाशीय बिजली से पेड़ों – जंगलों का खात्मा होने के साथ जंगलात की आग भी फैलती है। पर्यावरण की सुरक्षा में ये बहुत बड़ा खतरा है। जलवायु परिवर्तन के इस पहलू से निपटने में वैज्ञानिकों के पास फिलहाल कोई औज़ार नहीं है।